शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार ओंकार सिंह विवेक का गीत ----- दुनिया में भारत के गौरव,मान और सम्मान की, आओ बात करें हम अपनी, हिंदी के यशगान की।

दुनिया में  भारत  के  गौरव,मान और सम्मान की,

आओ बात करें हम अपनी, हिंदी के यशगान की।

जय अपनी हिंदी,जय प्यारी हिंदी------------2


राष्ट्र संघ  से  बड़े  मंच  पर,अपना सीना तानकर,

हिंदी  में भाषण  देना  है ,यह ही मन में ठानकर।

रक्षा  अटल बिहारी  जी  ने, की हिंदी के मान की

आओ बात करें---------------

जय अपनी हिंदी,जय प्यारी हिंदी-----------2


परिचित  होने  को अलबेले, अनुपम हिंदुस्तान से,

आज  विदेशी  भी  हिंदी को,सीख रहे हैं शान से।

सचमुच है यह बात हमारे, लिए बड़े अभिमान की

आओ बात करें-----------------

जय अपनी हिंदी,जय प्यारी हिंदी-----------2


आज  नहीं  हिंदी का उनको , मूलभूत भी ज्ञान है,

अँगरेज़ी की शिक्षा पर ही ,बस बच्चों का ध्यान है।

क्या यह बात नहीं है अपनी,भाषा के अपमान की

आओ बात करें-------------------

जय अपनी हिंदी,जय प्यारी हिंदी------------2


अपने  ही  घर  में  हिंदी यों, कभी  नहीं  लाचार हो,

इसको अँगरेज़ी पर शासन, करने का अधिकार हो।

बच  पाएगी  तभी  विरासत, सूर  और रसखान की

आओ बात करें---------------------

जय अपनी हिंदी,जय प्यारी हिंदी---- ------2

✍️  ओंकार सिंह विवेक, रामपुर

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