हमारी है हिन्दी तुम्हारी है हिन्दी
जगत में सबकी दुलारी है हिन्दी
गुरुदेव माता पिता सबसे पहले
उससे भी पहले हमारी है हिन्दी।
हिन्दी से उत्तर का हिमाद्रि अपना
हिन्दी से दक्षिण का सागर है अपना
हिन्दी से निखरी है पूरब की लाली
हिन्दी से पश्चिम की आभा निराली
दशों दिशाओ में बिखरी है हिन्दी
फूलों की खुशबू हमारी है हिन्दी।।
तुलसी के मानस सी पावन है हिन्दी
कान्हा की मुरली का वादन है हिन्दी
हिन्दी में है मीरा प्रेम दिवानी
नीरज के गीतों का गायन है हिन्दी
हिन्दी में पन्त प्रसाद निराला
महावीर और हजारी है हिन्दी।।
दिवाली के दीप जलाती है हिन्दी
होली में रंग खिलाती है हिन्दी
हिन्दी में दशाननों का दहन है
रक्षा का बंधन निभाती है हिन्दी
हिन्दी में ईद की मीठी सिवईंयें
लोहड़ी की मस्ती बैसाखी है हिन्दी।।
जन जन की रोटी की आशा है हिन्दी
जीवन के कर्मों की भाषा है हिन्दी
हिन्दी अमीरी गरीबी न देखे
गण मन की अभिलाषा है हिन्दी
हिन्दी से रिश्ते हिन्दी से नाते
अपनों की मुस्कान हमारी है हिन्दी। ।
वोटों की दलदल में फिसली है हिन्दी
कमजोर हाथों ने पकड़ी है हिन्दी
हिन्दी को लेकर मची एक हलचल
सियासी जालों में उलझी है हिन्दी
हिन्दी से हम हैं हम से वतन है
वतन से वफादारी है हिन्दी।।
✍️ डाॅ मीना कौल, मुरादाबाद
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