मंगलवार, 29 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार अनवर कैफी की ग़ज़ल उन्हीं की हस्तलिपि में ---यह होता है कि कुछ अर्से को नफरत जीत जाती है ,दिलों को जीत कर फिर भी मुहब्बत जीत जाती है ....


 

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