गुरुवार, 17 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की लघुकथा----- रिश्वत


      सरकार ने सामुदायिक विकास केन्द्र के लिए
कुछ लोगों की जमीन अधिग्रहीत की थी ।सोहन के दो खेत भी उसमे शामिल थे।सबको  उसका मुआवजा मिल चुका था, लेकिन सोहन की मुआवजा की रकम अभी  अटकी हुईं थी
  एक दिन सोहन सम्बन्धित कर्मचारी से मिला और जल्दी भुगतान की उम्मीद में ,जेब से एक पांच सौ का नोट निकालकर उसके हाथ पर रख दिया। नोट देखते ही,कर्मचारी बिखर गया "तुम मुझे रिश्वत दे रहे हो, मैं तुम्हे रिश्वत देने के आरोप में बंद करवा सकता हूं"। सोहन ने एक और पांच सौ का नोट निकालकरउसके हाथ पर रखा**ठीक है,ठीक है, पांच छे दिन में आपको चेक मिल जायेगा***
कर्मचारी ने सोहन को आश्वस्त किया और
अपने काम मेेें जुट गया।

  ✍️डाॅ पुनीत कुमार
T - 2/505
आकाश रेजिडेंसी
मधुबनी पार्क के पीछे
मुरादाबाद - 244001
M - 9837189600

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