"बधाई हो गर्ग साहब ! अब तो लॉकडाउन समाप्त होने की दिशा में है। होटल में समारोह करने की अनुमति भी मिलने वाली है । हमारा बिज़नेस फिर से शुरू हो जाएगा । "
"सही कहा आपने गोयल साहब ! कई महीने से काम - धंधा बंद था । कोई शादी -ब्याह- बरात होटल में नहीं हुई ।खर्चे ज्यों के त्यों मगर आमदनी जीरो । भगवान ने सुन ली । अब समारोह होंगे और खुशियाँ वापस लौट आएँगी ।"
" तो फिर खुशी में एक धन्यवाद - पत्र अखबार में प्रकाशित कर दिया जाए ? क्या राय है आपकी ?"
"जरूर -जरूर ! क्यों नहीं गोयल साहब ? इतना बड़ा अवसर हम लोगों को मिला है । जनता तक संदेश तो जाना ही चाहिए । "
"ठीक है । मैं इंतजाम कर देता हूँ।"- कहकर गोयल साहब जाने लगे , मगर जाते-जाते फिर पलटे और मुस्कुरा कर पूछा " गर्ग साहब ! अब तो आप अपने पोते की बर्थडे धूमधाम से होटल में मना सकेंगे ?" -सुनकर गर्ग साहब डर से काँपने लगे । बोले - "कैसी बातें कर रहे हो ? लॉकडाउन रहे या न रहे, लेकिन बीमारी तो अपनी जगह ज्यों की त्यों है , बल्कि बढ़ रही है । यह समय क्या समारोह करने का है ?
इतना सुनकर गोयल साहब रहस्यमय ढंग से मुस्कुराए और बिना कुछ कहे चले गए ।
✍️ रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451_
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