बहू सीमा ने सासू माँ का हाथ पकड़ लिया और खा जाने वाली नजरों से घूरते हुए बोली," माँ जी!आप गिलास में दूध किसके लिए डाल रही हैं? यह दूध तो मेरे शेरू( कुत्ते)के लिए आया है"
शान्ति बोली:-"बहू तेरे बाबू जी को डाॅक्टर ने दूध से दवा लेने को बोला है। बस आधा गिलास दूध ले रही थी।"
तभी पीछे से शान्ति का बेटा रोहन बोला , "मम्मी! क्या आप पागल हो गयी हो?पिताजी को इस उम्र में दूध की क्या जरुरत है? दूध पीने से उनका पेट खराब हो जाएगा, उनको पानी से दवा दीजिए। "
दरवाजे के पीछे खड़े जमुना दास जी की आँखों से गंगा-यमुना बह निकली। वो रोते हुये रोहन की माँ से बोले:-
"शान्ति! अगर हमने रोहन को अपने हिस्से का दूध न दिया होता, तो आज हमारे हिस्से का दूध शेरू को न मिल रहा होता।"
✍️रागिनी गर्ग, रामपुर (यूपी)
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