बुधवार, 30 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार प्रवीण राही की लघुकथा ---तेजाब

"मुझे रसायन शास्त्र हमेशा से पसंद रहा,लेकिन जब से उस लड़की का चेहरा देखा है,उस हादसे ने मुझे अंदर तक हिला दिया। बस,तब से रसायन शास्त्र से घृणा हो गई है.... उफ! वो अधजले काग़ज़ सी हो गई थी.....।"

✍️प्रवीण राही, मुरादाबाद


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