गुरुवार, 24 सितंबर 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद सम्भल (वर्तमान में नोएडा )निवासी साहित्यकार अटल मुरादाबादी की लघुकथा ----मेहनत



नितिन और नीरज दो जुड़वां भाई थे।नीरज बहुत ही कुशाग्र बुद्धि का था जबकि नितिन पढ़ने में उससे उन्नीस था। लेकिन सामान्य शब्दों में कहें तो वह भी पढ़ने में ठीक ही था। कुशाग्र बुद्धि का होने के कारण नीरज को अपने ऊपर जरुरत से अधिक विश्वास था। इसलिए वह खूब मौज-मस्ती करता रहता था और अधिकतर समय खेलने में गुजार देता था जबकि नितिन अपना अधिक समय पढ़ने में लगाता था। लेकिन कक्षा आठ तक नीरज हमेशा अधिक अंक लाकर उससे बाजी मार लेता था। नितिन ने  कभी हिम्मत नहीं हारी और संकल्प के साथ मेहनत से लगातार पढता रहा।इस तरह दोनों ने नौंवी की परीक्षा उत्तीर्ण कर दसवीं में, एहल्कान पब्लिक स्कूल दिल्ली में प्रवेश ले लिया। दोनों अपनी अपनी पढ़ाई,पूर्व की तरह ही करते रहे।एक दिन आया सुबह-सुबह दसवीं का परीक्षा फल घोषित किया जाना था। नितिन सुबह से ही परीक्षा फल का इंतजार कर रहा था और नीरज पार्क में खेलने चला गया।लगभग दस बजे परीक्षा फल घोषित हुआ। नितिन दौड़ कर नीरज को बुलाने गया।नीरज ने अपने पुराने अंदाज में कहा- "क्यों अफरा-तफरी कर रहा है,तेरे अंक तो मेरे से कम ही होंगे"। लेकिन घर आकर जब देखा तो नितिन अधिक अंक लाकर बाजी मार चुका था।

उसके मुंह से अनायास निकला "ओह"

✍️ अटल मुरादाबादी

९६५०२९११०८

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