गुरुवार, 17 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार राजीव प्रखर की लघुकथा ----गिरगिट


"उफ़! ये दुष्ट मधुमक्खियाँ। अच्छा हुआ इनका छत्ता यहाँ से हट गया...", छत्ते से निकला शहद चटखारे लेकर चाटते हुए सेठ धनपत बोले।

✍️ राजीव 'प्रखर'
मुरादाबाद

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