बुधवार, 23 सितंबर 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रागिनी गर्ग की लघुकथा ----तेरी भी चुप मेरी भी चुप

 

देर से आई मेहरी को देखते ही सीमा विफर पड़ी 

 "रानी आज कहाँ मर गयी थी?और यह तेरे चोट कैसे लगी हैं?"

 "बीबीजी मैं  फिसल गयी तो चोट लगी हैंl" रानी ने बर्तनों को धोते हुए कहा. 

"यह तो पीटने के निशान है किसने मारा तुझे?"

सीमा उसके चेहरे पर नजरें जमाते हुए बोली 

रानी फफक-फफक कर रो पडी़ और रोते हुए बोली, "बीबीजी मेरे मर्द ने शराब पीकर मारा।"

 "तलाक काहे नहीं  दे देती ऐसे नामर्द को जो औरत पे हाथ उठाता है?" सीमा गुस्से में बोली. 

बीबी जी के चेहरे पर उँगलियों। की छाप देख रानी ने भरे गले से कहा, "बीबी जी शायद आप भी आज  फिसल गईं थीं "

 रानी से इतना सुनते ही सीमा आँख में  आँसू भर लाई रानी को गले लगा कर बोली,"हम औरतें  घर की लाज हैं रनिया"।


रागिनी गर्ग, रामपुर, यूपी

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