बुधवार, 23 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार राजीव प्रखर की लघुकथा ---- गहरी नींद

"सटाकsssss ........." की आवाज़ के साथ उस रईसजादे की ठोकर से, फुटपाथ पर गहरी नींद में डूबा पड़ा मल्लू सकपका कर उठ गया।

"फिर किसी ससुरे ने सोते से उठा दिया,  कम से कम मुझे भरपेट खाने तो देता ..........",  गहरी नींद से उठ बैठा मल्लू बड़बड़ाये जा रहा था।

-✍️ राजीव 'प्रखर', मुरादाबाद

मुरादाबाद

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