बुधवार, 21 अक्टूबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार विवेक आहूजा की कहानी -----रैगिंग


आज विनय का मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में पहला दिन था । विनय बहुत खुश था और हो भी क्यों ना उसकी वर्षों की मेहनत रंग लाई थी ,  कठिन परिश्रम के पश्चात मेडिकल कॉलेज में वह सरकारी सीट लेने में सफल रहा था । हॉस्टल में प्रवेश संबंधी सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात विनय को रूम नंबर 10 अलॉट हुआ , इस रूम में दो लोगों के रहने की व्यवस्था थी । उसके अतिरिक्त सुनील नाम का छात्र भी उसी कमरे में उसके साथ रह रहा था । सुनील का भी एमबीबीएस प्रथम वर्ष में प्रवेश हुआ था ।कुछ ही देर में सुनील व विनय आपस में काफी घुल मिल गए ,अब उन्हें 5 वर्षों तक एक साथ रहना था , इसलिए दोनों एक दूसरे के बारे में अधिक से अधिक जानने की कोशिश कर रहे थे । अभी उनकी बात चल ही रही थी कि कुछ सीनियर छात्र उनके कमरे में आ धमके और उनसे शाम को कॉमन रूम में आने के लिए कह गए व बता गए कि आज एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्रों का परिचय होगा । सुनील और विनय चुप रहे उन्हें अच्छी तरह से पता था के एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्रों के साथ परिचय के नाम पर खूब रैगिंग होती है । सीनियर छात्रों के जाने के पश्चात विनय ने सुनील से कहा "शाम को हम कहीं नहीं जाएंगे ,हम यहां पढ़ने आए हैं ,   रैगिंग करवाने के लिए नहीं" सुनील ने विनय  को बहुत समझाने की कोशिश की पर वह नहीं माना । इस प्रकार शाम को वह कॉमन रूम नहीं गये , अगले दिन कॉलेज में उनका पहला दिन था विनय व सुनील बहुत रोमांचित थे , क्योंकि पढ़ाई में वे दोनों ही होशियार थे   लिहाजा वह जल्दी से जल्दी एमबीबीएस की क्लास में जाना चाहते थे और जानना चाहते थे की एमबीबीएस फर्स्ट ईयर में कौन-कौन से सब्जेक्ट पढ़ाये जाएंगे । कक्षा में प्रवेश के पश्चात एक प्रोफेसर ने कक्षा में प्रवेश किया सभी बच्चों को एमबीबीएस में एडमिशन की बधाई दी और आगे भी सख्त मेहनत करने को कहा ।  प्रोफेसर साहब ने कुछ सवाल छात्रों से पूछे तो विनय ने फटाफट सभी सवालों का जवाब दे दिया । उसके जवाब सुन प्रोफेसर साहब बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने विनय से कहा इसी प्रकार पढ़ाई में अपनी लय को बनाए रखना । 

                     दो पीरीयडो  के बाद ब्रेक में छात्र कैंटीन में एकत्र हुए विनय और सुनील भी कैंटीन पहुंच गए, वहां उनकी मुलाकात सीनियर छात्र रवि  से हो गई रवि ने वहां  उनसे रात को कॉमन रूम में नहीं आने पर उनकी बहुत डांट लगाई और उनसे कहा अगर एमबीबीएस करना है तो सीनियर्स की बात माननी ही होगी । विनय और सुनील चुपचाप रहे रवि के जाने के पश्चात सुनील ने विनय से कहा मैंने तुम्हें कल भी कहा था , इन से पंगा लेना ठीक नहीं आज चुपचाप कॉमन रूम चलेंगे । लेकिन विनय अपनी बात पर अड़ा रहा वह परिचय के लिए सीनियर्स के पास जाने को तैयार नहीं था , मजबूरी वश  सुनील को विनय का साथ देना पड़ा  । शाम हो गई थी ,  सुनील ने एक बार फिर विनय को समझाया हमें 5 वर्ष  यही रहना है और इन्हीं लोगों के बीच में रहना है । मगर विनय ने साफ कह दिया "अगर तुम्हें जाना है तो तुम जा सकते हो ,मैं बिल्कुल भी नहीं जाऊंगा"  अभी उनके बीच बहस हो ही रही थी कि अचानक जोर से दरवाजा खटखटाने की आवाज आई बाहर सीनियर एकञ  थे और शोर मचा रहे थे "सालों आज देखते हैं ,  तुम्हें कौन बचाता है"  दरवाजा खटखटाने की आवाज सुन सुनील और विनय दोनों बहुत घबरा गए उन्होंने दरवाजे के आगे चारपाई लगा दी और दरवाजे को कस के बंद कर लिया लेकिन सीनियर छात्र तो  आज जैसे तय कर कर ही आए थे । 

                   धड़ाम की आवाज के साथ दरवाजा टूट गया व करीब 10/12 सीनियर छात्र धडधडाते  हुए कमरे में घुस गए , 3/4 रैपट विनय और 3/4 रैपट सुनील के जड़ दिए और बोले "सालो तुम्हें सीनियर्स की इज्जत करनी नहीं आती , आज तुम्हें सब सिखा देंगे"  यह कहते हुए , वह  कॉलर पकड़ कर  सुनील और विनय को कॉमन रूम ले आये,  इतनी बेइज्जती  से सुनील और विनय दोनों रूआंसू हो गए सुनील ने रोते हुए कहा "मैंने विनय को बहुत समझाया था पर वह नहीं माना ,  इसमें मेरी क्या गलती है"  यह सुन सीनियर ने 2रैपट विनय      को  और जोड़ दिए और बोले "साले हीरो बनता है ,आज तेरी हीरोगिरी निकाल कर रहेगे" 

 विनय ने रोते हुए कहा "आप लोग हमारे साथ ऐसा नहीं कर सकते यह गैरकानूनी है ,  सरकार भी इसकी इजाजत नहीं देती"

 विनय की मुहजोरी देख सीनियर्स और बिगड़ गए । सुनील से तो थोड़ी बहुत औपचारिक परिचय कर उन्होंने विनय को सबक सिखाने का मन बना लिया ,  उन्होंने जबरदस्ती विनय के सारे कपड़े  उतरवा दिए और पूरे हॉस्टल में घुमाया विनय अपनी इतनी बेइज्जती  से बिल्कुल टूट गया  और सीनियर से माफी मांगने लगा तब मुश्किल से सीनियरो ने उसे छोड़ा ।  अगले दिन फिर आने को कहा , विनय की इतनी बेइज्जती  हुई थी कि हॉस्टल में छात्र उसका मजाक उड़ाने लगे,  इन सब बातों को का विनय के मस्तिष्क पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा । 

                        रात को इतनी तगड़ी रैगिंग  के पश्चात सुनील और विनय बहुत परेशान हो गए , विनय ने सोचा इतनी मुश्किल से यहां पर एडमिशन हुआ है अगर मैं अपने मां बाप को यह सब बातें बताऊंगा तो वह परेशान हो जाएंगे यह सोच वह चुप रहा और मन ही मन घुटता रहा । भारी मन के साथ विनय कॉलेज कक्षा में पहुंचा तो छात्रों ने उसका खूब मजाक उड़ाया , पूरी कक्षा में उसकी रात वाली रैगिंग की बात फैल चुकी थी और वह हंसी का पात्र बन चुका था । वह जहां भी जाता छात्र उसका मजाक उड़ाते हैं इसी बीच सुनील ने भी उससे किनारा कर लिया ,  उसने सोचा अगर वह विनय के साथ अधिक घूमेगा तो सीनियर उसकी भी रैगिंग करेंगे । विनय बिल्कुल अकेला पड़ चुका था और पढ़ाई भी नहीं कर पा रहा था धीरे धीरे उसका यह हाल हो गया कि प्रोफेसर जब उससे कुछ पूछते तो वह किसी भी सवाल का उत्तर नहीं दे पाता था ।  

           सीनियर्स रोज रोज उसके कमरे में आते और विनय को कॉमन रूम ले जाते हैं और विनय की खूब रैगिंग करते कभी उसे नग्न कर कभी लड़कियों के कपड़े पहना हॉस्टल में घूमाते थे । विनय को मानसिक रूप से तोड़ा जा रहा था और वह मानसिक रूप से पूरी तरह टूट गया  । इसका परिणाम यह हुआ कि वह पढ़ाई में पिछडता  चला गया टर्म के पेपरों में वह दो सब्जेक्ट में फेल हो गया और एक सब्जेक्ट में बहुत ही कम नंबरों के साथ पास हो पाया । उसके इस परिणाम की किसी को उम्मीद ना थी सुनील ने उसे बहुत समझाया कॉलेज में यह सब चलता है तुम पढ़ाई पर ध्यान दो पर पर विनय को अपनी बेइज्जती  का मानसिक रूप से बहुत आघात लगा था । उसका पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था , मानसिक परेशानी के चलते हैं उसने सिगरेट और शराब का सेवन भी शुरू कर दिया , पढ़ाई में लगातार पिछड़ने की वजह से और भी ज्यादा परेशान रहने लगा । यह देख सुनील ने उसे साइको ट्रीटमेंट की सलाह दी और एक  दिन शहर के सबसे मशहूर साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर मित्रा के पास ले गया ।। 

           वहां पहुंचकर सुनील ने डॉक्टर मित्रा  को शुरू से लेकर अब तक की सारी बात बताई । डॉक्टर मित्रा ने विनय को कहा  "यह मानसिक स्वास्थ संबंधी समस्या है तुम जल्दी ही ठीक हो जाओगे"  एक  दिन विनय  जब शाम को विनय डॉक्टर मित्रा के पास इलाज के लिए जा रहा था तो  सीनियर छात्र  रवि ने उसे देख लिया । डॉक्टर मित्रा के अस्पताल जाकर रवि ने  विनय से संबंधित सारी जानकारी ली , तो उसे पता चला कि वह मानसिक स्वास्थ संबंधी समस्या के इलाज हेतु आता है । यह सुन रवि को बहुत आत्मग्लानि हुई  कि  उसे अपना इलाज कराना पड़ रहा है । रवि ने सारी बात सीनियर विंग में जाकर बता दी कि उनकी वजह से विनय की कितनी बुरी हालत हो गई है । विनय के बारे में सुन सभी सीनियर छात्रों ने फैसला किया की विनय की हालत के हम लोग सब जिम्मेवार हैं , इसलिए विनय को ठीक करने के लिए हम हर संभव मदद करेंगे । 

                 विनय के पढ़ाई में लगातार पिछड़ने  की वजह से कालेज वाले उसे एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की प्राफ  एग्जाम में बैठने की इजाजत नहीं दे रहे थे ।  उन्होंने विनय के घर एक पत्र भेज दिया कि इस वर्ष विनय एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के एग्जाम में नहीं बैठ पाएगा । पत्र को पढ़कर घर में कोहराम मच गया रामलाल और इमरती को अपने सपनों का संसार बिखरता नजर आने लगा और उन्होंने तुरंत विनय के पास मेडिकल कॉलेज जाने का फैसला किया ।

                             रामलाल और इमरती पहली बार अपने गांव से बाहर निकले थे।  शहर की चकाचौंध से वह वाकिफ नहीं थे , जब विनय के मेडिकल कॉलेज से होते हुए वह हॉस्टल पहुंचे  ,सबसे पहले वह प्रिंसिपल साहब से मिलने गए तो प्रिंसिपल साहब ने रामलाल से कहा "आप कितनी मेहनत करते हैं जो आपने विनय को यहां तक पहुंचाया लेकिन आपका बेटा यहां पर सिगरेट और शराब पी रहा है ,हॉस्टल में नग्न होकर घूमता है , सारा दिन हॉस्पिटल में पड़ा रहता है , इसके अलावा वह टर्म के 2 एग्जाम में फेल भी हो गया है ,  हमें अपना रिजल्ट खराब नहीं करना"

                       प्रिंसिपल साहब की बात सुन रामलाल और इमरती को बहुत गुस्सा आया और वह सीधे विनय के कमरे में पहुंच गए । विनय रोज की तरह बेसुध पड़ा था । रामलाल ने विनय को बहुत डांटा और कहा  "उसकी वजह से प्रिंसिपल साहब ने हमें कितना सुनाया है" विनय को कुछ कहते नहीं बन रहा था कि अपने घर वालों को बताए भी तो क्या बताएं ,रामलाल और इमरती तो यही समझ रहे थे , शहर से इतने बड़े कॉलेज में एडमिशन से उनके लल्ला का दिमाग खराब हो गया है । सुनील ने विनय के माता-पिता को समझाने की बहुत कोशिश की यह कोई पागलपन नहीं बल्कि  एक मानसिक स्वास्थ संबंधी समस्या है और हम इसका इलाज करा रहे हैं , जल्दी ही विनय ठीक हो जाएगा । 

                 इलाज की बात सुन विनय के माता-पिता सुनील पर विफर गए के "अब पागलों के डॉक्टर से इलाज भी हो रहा है और हमें पता तक नहीं"  बहुत देर समझाने के पश्चात विनय के माता-पिता  शांत हुए और बोले हम भी डॉक्टर के पास जाएंगे । शाम को सुनील , रामलाल  , इमरती और विनय डॉक्टर के पास गए वहां उनकी मुलाकात सीनियर छात्र रवि से हुई जिसकी वजह से विनय की हालत हुई थी , रामलाल ने रवि को बहुत डांटा और कहा "हमारा लल्ला पूरी तहसील का सबसे होनहार  छात्र था ,  तुमने उसका क्या हाल कर दिया है"    

                           रवि ने विनय के माता-पिता से हाथ जोड़कर माफी मांगी और उनसे वादा किया कि विनय की हालत का जिम्मेदार मैं हूं और मैं ही इसे ठीक करने में रात दिन एक कर दूंगा आप निश्चिंत होकर घर जाये । विनय के माता-पिता को रवि की बातों पर यकीन हो गया  और वह घर चले गए । रवि विनय को साइको डिपार्टमेंट के एच ओ डी के पास ले गया और विस्तार से उन्हें सारी बात बताई एचओडी ने जल्द ही विनय के ठीक होने का आश्वासन दिया , करीब एक  माह के इलाज के पश्चात विनय के  मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होने लगा उसका पढ़ाई में भी मन लगने लगा बुरी आदतों का सेवन भी उसने काफी कम कर दिया , धीरे-धीरे विनय अब बिल्कुल ठीक हो गया था । 

     आज विनय के ठीक होने के पश्चात कक्षा में काफी अच्छा माहौल था सभी छात्रों ने मिलकर प्रिंसिपल से विनय को परीक्षा में बैठने की सिफारिश की जिसे प्रिंसिपल ने तुरंत मान लिया और एमबीबीएस फर्स्ट ईयर में विनय अच्छे नंबरों से पास हो गया  । विनय एमबीबीएस सेकंड ईयर में आ गया था विनय अपनी कक्षा का हेड हो चुका था आज जूनियर विंग का प्रतिनिधित्व  कर रहा था और सीनियर विंग का प्रतिनिधि रवि  था । रवि और विनय दोनों ने मिलकर मानसिक स्वास्थ संबंधी एक कैंप का आयोजन मेडिकल कॉलेज में किया था जिसमें मानसिक स्वास्थ संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही थी सभी छात्र

 उन्हे  बडे़ ध्यान से सुन रहे थे क्योंकि वह जानते थे इनसे बेहतर इस विषय में कोई नहीं बता सकता ।

✍️ विवेक आहूजा 

बिलारी ,जिला मुरादाबाद 

@9410416986

Vivekahuja288@gmail.com

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