बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की लघुकथा -----दूरदर्शिता


"थोड़ी देर पढ़ लिख लिया कर।सारे दिन खेल कूद मेेें लगा रहता है।पढ़ेगा नहीं तो बड़े होकर घर का काम करना पड़ेगा।"

शकुन्तला ने डांट लगाते हुए अपने छोटे बेटे राहुल से कहा।राहुल ने अपने बड़े भाई विजय,जो कि पढ़ाई पूरी करके तीन साल से नौकरी ढूंढ रहा था,की ओर देखा,फिर मां से बोला "ठीक है,आप मुझे पकोड़े बनाना सिखा दीजिए "

✍️ डाॅ पुनीत कुमार

T -2/505, आकाश रेजिडेंसी

मधुवनी पार्क के पीछे

मुरादाबाद 244001


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