" माँ, मैं ठीक हूँ, सब बहुत प्यार करते हैं मुझे।आप चिंता न करें----- ।" रागिनी ने यह कहकर फोन रख दिया।परन्तु माँ को कुछ ठीक नहीं लग रहा था।माँ जो ठहरी ------रागिनी की आवाज में छिपे दर्द को भांप लिया था ।
आज रागिनी शादी के बाद से पहली बार भाई दूज पर मायके आई। अचानक माँ की नज़र रागिनी के बाजू पर पड़े गहरे नीले निशान पर गई जिसे रागिनी छिपाने की कोशिश कर रही थी---। यह क्या हुआ -- -माँ ने घबराकर पूछा ? " कुछ नहीं माँ बस बैड से गिर गई थी "। "ऐसे कैसे गिर गई-------माँ ने फिर पूछा "।जैसे वर्षों से तुम गिरती रहीं हो माँ बस वैसे ही-------मैं भी --------।।
✍️प्रीति चौधरी, अमरोहा
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