शनिवार, 31 अक्टूबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की चार लघुकथाएं ---गैंगरेप


1.

 'भैया जी,मिठाई खिलाइए,आपके लिए बहुत अच्छी खबर लाया हूं।" चंदू दौड़ते हुए आकर,वेदप्रकाश जी से बोला।

"कौन सी खबर,जल्दी बता।" वेदप्रकाश जी ने उत्सुकता से पूछा।

"बस्ती में एक दलित लड़की का गैंग रैप के बाद मर्डर हो गया है"चंदू ने हांफते हुए बताया।

    "अरे,ये तो मिठाई नहीं,दावत वाली खबर है गैंगरेप, हत्या, दलित लड़की,क्या कमाल का समीकरण है।तूने हमारी सारी चिन्ता दूर कर दी।अगला चुनाव अब इसी मुद्दे पर लड़ा जायेगा।" वेदप्रकाश जी हंसते हुए बोले और चंदू को गले से लगा लिया।

2.

सुरेश की बड़े बाजार में जनरल आइटम्स की दुकान थी।आज सुबह से चार ग्राहक मोमबत्ती खरीद कर ले जा चुके थे।जब पांचवे ग्राहक ने भी आकर मोमबत्ती मांगी,तो उसका माथा  ठनका। "दिवाली तो अभी तीन महीने बाद है, शहर में लाइट भी लगातार आ रही है,फिर " एक अनजान भय से उसका पूरा शरीर सिहर उठा।उसने घबरा कर घर फोन मिलाया। "बिटिया कहां है"

"अभी आई है स्कूल से,खाना खा रही है"

 उसने राहत की सांस ली और दुकानदारी में लग गया।

3.

समीर अपने सात साल के बेटे विभोर के साथ बाजार से घर आ रहा था।रास्ते में कुछ युवा हाथो में मोमबत्ती लेकर,गैंग रेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए शांतिपूर्वक जुलूस निकाल रहे थे।बेटा काफी देर तक उस जुलूस को देखता रहा,फिर बोला "पापा, ये मोमबत्ती वाला त्यौहार,क्या हम रोज़ नहीं मना सकते।" समीर समझ नहीं पा रहा था कि क्या जवाब दे।उसने शर्मिंदगी से अपनी नजरें झुका लीं।

4.

अख़बार पढ़ते ही,गुस्से से उसका चेहरा लाल हो गया।कल उसकी संस्था ने गैंगरेप पीड़िता को शीघ्र न्याय दिलाने की मांग को लेकर शहर में,शांतिपूर्वक कैंडल मार्च निकाला था। आज अख़बार में उसकी फोटो और रिपोर्ट छपी थी।लेकिन पूरी रिपोर्ट में ना तो उसका कहीं नाम था,ना ही फोटो।उसने फोन पर इसकी शिकायत संस्था के अध्यक्ष से की।

"चिन्ता मत करो,बहुत जल्दी ऐसा मौका फिर आयेगा,और हम तुमको ही हाईलाइट करेंगे।" संस्था अध्यक्ष ने उसको समझाते हुए कहा।

✍️डॉ पुनीत कुमार

T 2/505, आकाश रेजिडेंसी

मधुबनी पार्क के पीछे

मुरादाबाद 244001

M 9837189600

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