गुरुवार, 29 अक्टूबर 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार स्वदेश सिंह की कहानी -- जिम्मेदारी


निशा बिना बाप की बेटी थी तथा बहुत गरीब थी।निशा पढ़ने में  होशियार  व देखने में बहुत सुंदर थी ।  एक अच्छे परिवार से  उसके लिए  एक रिश्ता आया । लड़का अमीर परिवार से था परन्तु शराबी व आवारा था।  उसकी माँ ने मजबूरी बस उसकी शादी राहुल  से कर दी। निशा को गरीबी के कारण अपने भाग्य से समझौता करना पड़ा।  शादी के बाद भी राहुल दिन -रात  शराब में डूबा रहता।जिससे उसके फेफड़े खराब हो गये। निशा की सास  को  वंश चलाने के लिए  एक पोते की  चाहत थी।  क्योंकि वह चाहती थी कि बेटा गलत संगत में पड़कर अपने आप को बर्बाद कर रहा है । निशा के द्वारा उसे वंश चलाने के लिए एक वारिस मिल जाएगा। निशा  ने भी अपने पति को समझाने की बहुत कोशिश की परंतु वह अपनी आदत से मजबूर था। वह आवारागर्दी, शराबखोरी में ही अपना पूरा दिन व्यतीत करता था। कुछ समय बाद ईश्वर की कृपा से निशा गर्भवती हो गई । निशा की सास उसका  हर वक्त  ख्याल रखती।  नौ महीने बाद  निशा ने एक सुंदर सी  कन्या को जन्म दिया ।... जिसे देख निशा के सास को अच्छा नहीं लगा ।...क्योंकि वह वंश चलाने के लिए  पोते को चाहती थी । अत्यधिक शराब  पीने के कारण  राहुल के फेफड़े खराब हो गये।... डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए कहा  ......  जब राहुल  हॉस्पिटल एडमिट होने जा रहा था उसकी छोटी सी बेटी ने  (जो छ: महीने की हो चुकी थी ) उसकी उंगली पकड़ ली।  निशा ने राहुल से कहा... यदि तुम शराब नहीं पीते तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता ...और यदि तुम्हें कुछ हो जाता है तो सोचो तुम्हारी बेटी का भविष्य क्या होगा ??....उसे भी मेरी तरह ही किसी शराबी ,आवारा लडके  से शादी करनी पड़ेगी  ..यह सुनकर राहुल को बहुत दुख हुआ... उसे लगा बेटी की जिंदगी बर्बाद कर रहा है ।...उसने मन ही मन निर्णय किया कि अब भविष्य में कभी भी शराब को हाथ नहीं लगायेगा । ऑपरेशन सफल हुआ ।  धीरे-धीरे राहुल ने  अपने बिजनेस पर ध्यान देना शुरू कर दिया । और अपने काम में बहुत व्यस्त रहने लगा। अपने लिए निर्णय के कारण उसने शराब पीना छोड़ दिया।... राहुल की  माँ को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसका बेटा बदल चुका है ।और उसने उस छोटी सी गुड़िया को सीने  से लगा लिया।.... जिसके कारण उसका बेटा उसे वापस मिला।

✍️ स्वदेश सिंह, सिविल लाइन्स, मुरादाबाद

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