माँ अष्ठ भुजा धारी,
करें शेरों की सवारी ।
श्रद्धा भक्ति और विश्वास
मेरी यही अरदास ।
बाकी सब बेकार,
करो माँ इसे स्वीकार।
दुनियां तुम पर बलिहारी,
माँ अष्ठ भुजा धारी ।
करे मेहर की जो छाया,
कुंदन बन जाती काया।
भागे दूर सभी अंधियारा,
फैले चारों ओर उजियारा।
संकट कट जायें सब भारी,
माँ अष्ठ भुजा धारी ।
संसार की तुम चालक,
भक्तों की तुम पालक ।
जो भी तुम को पुकारे ,
होते उसके वारे न्यारे ।
होती जब कृपा तुम्हारी,
माँ अष्ठ भुजा धारी ।
✍️ अशोक विश्नोई, मुरादाबाद 244001
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