बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रवि प्रकाश की लघुकथा ------अवसर


रमेश ने साझा कविता संग्रह में प्रकाशित अपनी दो रचनाएँ बहुत गर्व से दिनेश को दिखाईं।कहा " देखो ! देश के प्रतिष्ठित संपादक मंडल ने मेरी दो रचनाओं को मेरे चित्र सहित प्रकाशित किया है । मैं कितना सौभाग्यशाली हूँ।"

       दिनेश ने साझा कविता संग्रह अपने हाथ में लिया। कुछु पृष्ठ पलटे और धीरे से मुस्कुराते हुए कहा "बात पैसों की थी। मेरे पास धन का अभाव था ,अन्यथा संपादक मंडल में भी मेरा नाम छप जाता !"

       रमेश का चेहरा यह सुनकर मुरझा गया, क्योंकि वास्तव में साझा कविता संग्रह में प्रकाशन का आधार पैसा था तथा सचमुच संपादक मंडल में उन लोगों के नाम शामिल किए जाने का प्रस्ताव था ,जो अधिक धनराशि देने के लिए तैयार थे ।

 ✍️ रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) 

 मोबाइल 99976 15451

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