माता उर बस जाओ,मन आज पुकारा है।
मतलब की दुनिया में, तू एक सहारा है।
जग के सम्बंधों ने, यह मन झुलसाया है।
पर तेरी ममता ने तो, मरहम ही लगाया है।
माँ! तेरा यह आँचल,जगती से न्यारा है।
मतलब की दुनिया में......................
यह मन मेरा दुखिया, माँ! इत-उत डोले है।
तेरी राहें तक-तक कर, ये नैना बोले हैं।
माँ! तेरा यह दर्शन,सबसे ही प्यारा है।
मतलब की दुनिया में.......................
जीवन में सुख-दुख तो, दिन-रैन से आते हैं।
पर माँ तेरे सम्बल, मुझे पार लगाते हैं।
माँ! मेरा यह जीवन, तूने संँवारा है।
मतलब की दुनिया में......................
✍️दीपक गोस्वामी 'चिराग'
शिव बाबा सदन, कृष्णा कुंज
बहजोई.( सम्भल) पिन 244410
मो. 9548812618
ईमेल-
deepakchirag.goswami@gmail.com
सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर।
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