रविवार, 2 अगस्त 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की व्यंग्य कविता-----गिरावट


राजनीति में
पता नहीं कैसा भूचाल आया
शेयर बाज़ार बुरी तरह लड़खड़ाया
फिर मुंह के बल गिर गया
अख़बार वालो को
जश्न मनाने का मौका मिल गया
उन्होंने इस समाचार को
मुखपृष्ठ पर स्थान दिया
क्या करें,क्या ना करें
इस पर लंबा ज्ञान दिया
न्यूज़ चैनलों की तो जैसे
लॉटरी खुल गई
पूरे दिन चलाने को
सनसनीखेज न्यूज़ मिल गई
सोशल मीडिया ने भी
इस मुद्दे को हाथो हाथ लिया
विरोध और समर्थन के आधार पर
देशभक्त और देशद्रोही खेमों में
पूरे देश को बांट दिया
रुपए में गिरावट पर भी
निरर्थक बहस जारी है
शायद हम में इतनी ही समझदारी है

दूसरी तरफ
सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों में
जबरदस्त गिरावट है
हम सब मूक दर्शक बने बैठे है
ना कोई शोर शराबा है
ना कोई सनसनाहट है
राजनेताओं का चरित्र भी
बराबर गिर रहा है
हमको खुली आंख से भी
नहीं दिख रहा है
संसद में बोली जाने वाली भाषा
निम्नतम स्तर पर है
फिल्मों में कहानी
और कवि सम्मेलनों में कविता
वेंटिलेटर पर है
शिक्षा की गुणवत्ता का ग्राफ
बराबर नीचे जा रहा है
सब पैसा कमाने में व्यस्त है
किसी को समझ नहीं आ रहा है

ये सब मात्र एक झलक है
गिरावट जीवन में
जन्म से मृत्यु तलक है
हमने रामायण महाभारत गीता
और वेद पुराण जैसे शास्त्रों से
अपना नया तोड़ लिया है
केवल और केवल
अर्थ शास्त्र से खुद को जोड़ लिया है
हमारी सोच में भी
गिरावट आने लगी है
हम सब स्वार्थी हो गए है
और भौतिक प्रगति ही
हमको भाने लगी है।

डॉ पुनीत कुमार
T-2/505
आकाश रेजिडेंसी
मधुबनी पार्क के पीछे
मुरादाबाद - 244001
M - 9837189600

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