सोमवार, 14 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ मक्खन 'मुरादाबादी' को साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य संगम ने "हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान" से किया सम्मानित


 हिन्दी दिवस की पूर्वसंध्या  13 सितंबर 2020 को  साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम  की ओर से सुप्रसिद्ध व्यंग्यकवि डॉ.मक्खन मुरादाबादी को "हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान" से सम्मानित किया गया।‌
  कोरोना काल में सभी आवश्यक दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन करते हुए नवीन नगर स्थित  डॉ मक्खन 'मुरादाबादी' जी के आवास पर आयोजित  'सम्मान-अर्पण' कार्यक्रम में उन्हें यह सम्मान अर्पित किया गया। संस्था द्वारा सम्मान स्वरूप उन्हें अंगवस्त्र, मानपत्र, श्रीफल एवं प्रतीक चिह्न अर्पित किए गए। कवि राजीव 'प्रखर' द्वारा प्रस्तुत  माँ शारदे की वंदना  से आरम्भ हुए कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने सम्मानित डॉ.मक्खन 'मुरादाबादी' जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्हें व्यंग्य विधा का एक सशक्त हस्ताक्षर बताया। कार्यक्रम का संचालन राजीव 'प्रखर' द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में बतौर अतिथिगण  सुप्रसिद्ध शायर डॉ.कृष्ण कुमार 'नाज़' एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मनोज रस्तोगी ने हिन्दी दिवस  पर अपने विचार व्यक्त किए।
सम्मान अर्पण कार्यक्रम के पश्चात् एक संक्षिप्त काव्य-गोष्ठी का भी आयोजन हुआ । गोष्ठी में
राजीव 'प्रखर' ने दोहा प्रस्तुत करते हुए कहा -
मानो मुझको मिल गये, सारे तीरथ-धाम।
जब हिन्दी में लिख दिया, मैंने अपना नाम।।

जितेन्द्र 'जौली' का कहना था --
हिन्दी दिन-प्रतिदिन प्रगति कर रही है। वर्तमान में हिंदी सोशल मीडिया की भाषा बनती जा रही है।

 योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने कहा ---
हिन्दी का यह दिवस तो, आता है हर वर्ष।
फिर भी हिन्दी कर रही, अपनों से संघर्ष।।

 डॉ मनोज रस्तोगी ने सुनाया --
उड़ रही रेत गंगा किनारे
महकी आकाश में चांदनी की गंध
अंधेरों की देहरी लांघ आये छंद
गंगा जल से छलके नेह के पिटारे।

डॉ कृष्ण कुमार 'नाज़' ने ताजा ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा ----
राख ने मेरी ही ढक रक्खा है मुझको आजकल
वरना तो ख़ुद में सुलगता एक अंगारा हूँ मैं।

सम्मानित साहित्यकार डॉ मक्खन 'मुरादाबादी' का कहना था ---
ऐसा चमत्कार दुनिया में हिन्दी का ही।
है सम्मान सुरक्षित जिसमें, बिन्दी का भी।।

कार्यक्रम में प्रत्यक्ष त्यागी, अक्षिमा त्यागी, मणिका त्यागी भी उपस्थित रहे। संस्था के महासचिव कवि जितेन्द्र 'जौली' द्वारा आभार अभिव्यक्त किया गया।










:::::प्रस्तुति :::::
जितेन्द्र कुमार जौली
महासचिव
हिन्दी साहित्य संगम मुरादाबाद
सम्पर्क सूत्र: 9358854322


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