सोमवार, 7 सितंबर 2020

हिंदी साहित्य संगम, मुरादाबाद द्वारा गूगल मीट पर 6 सितंबर 2020 को आयोजित ऑनलाइन काव्य-गोष्ठी



मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य संगम द्वारा रविवार 6 सितंबर 2020 को गूगल मीट एप के माध्यम से एक ऑनलाइन काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया । राजीव 'प्रखर' द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की वंदना से आरंभ हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ ग़ज़लकार श्री ओंकार सिंह 'ओंकार' ने की। मुख्य अतिथि डॉ० प्रेमवती उपाध्याय एवं विशिष्ट अतिथि श्रीमती सरिता लाल रहीं। संचालन जितेन्द्र कुमार 'जौली' ने किया।

काव्य-गोष्ठी में ओंकार सिंह 'ओंकार ' ने कहा -
मैं गीत में वो सुखद भावनाएँ भर जाऊँ ,
कि छंद- छंद में बनकर खु़शी उतर जाऊँ !!

शिशुपाल "मधुकर" ने कहा -
सौ में दस की खातिर ही अब  होते सभी उपाय।
बोलो बाकी लोगों कब तक सहोगे यह अन्याय।

डाॅ० मीना कौल ने कहा -
वीरों को नमन करो
वीरों को नमन करो
संकट में साथ निभाते
वीरों को नमन करो

डॉ० मनोज रस्तोगी ने कहा-
उड़ रही गन्ध, ताजे खून की
बरसा रहा जहर,मानसून भी
घुटता है दम अब बारूदी झोंकों के बीच

जितेन्द्र कुमार जौली ने कहा -
गाड़ी में बैठा कर ले गए हमको
हथकड़ियों में जकड़ा गया
बिना लाइसेंस कविताएं सुनाता था
इसलिए पकड़ा गया

राजीव 'प्रखर' का कहना था-
किया तिरंगा ओढ़ कर, वीरों ने ऐलान।
क़तरा-क़तरा खून का, माटी पर क़ुर्बान।।

पीछे सारे रह गये, मज़हब-फ़िरके-ज़ात।
जब लोगों ने प्यार से, की हिंदी में बात।।

इन्दु रानी ने कहा -
सता कर के गरीबों को कहां फिर चैन पाओगे
जलन रखते हो साँसों मे थकन कैसे मिटाओगे

प्रशान्त मिश्र का कहना था -
जब अपना ही घर लूट लिया,
देश के ग़द्दारों ने
जनता खड़ी देखती रही,
सिमटी अपने किरदारों में..

अरविंद कुमार शर्मा "आनंद" ने कहा -
जिंदगी रंग हर पल बदलती रही।
साथ गम के ख़ुशी रोज़ चलती रही।।
शम्अ जो राह में तुम जला के गये।
आस में आपकी बुझती जलती रही।।

विकास मुरादाबादी का कहना था -
आओ मिलकर बात करें हम, स्वयं नेक बनाने की !
बात करें भारत समाज को , आओ एक बनाने की !!
इस अवसर पर डॉ प्रेमवती उपाध्याय, डॉ सरिता लाल, आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने भी काव्य पाठ किया । जितेन्द्र कुमार 'जौली' द्वारा आभार-अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम विश्राम पर पहुँचा।

::::::: प्रस्तुति::::::
राजीव प्रखर
मुरादाबाद

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