गुरुवार, 3 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की दो लघुकथाएं


 (1) खेल

गेंदबाज ने बहुत अच्छी गेंद फैकी थी।लेकिन बल्लेबाज भी कम नहीं था,उसने जबरदस्त शॉट लगाया और गेंद बाउंड्री लाइन के बाहर जाकर गिरी राजीव ताली बजाने लगे तो उनकी पत्नि ने टोंका "अरे ये तो विरोधी टीम का खिलाड़ी है"
 "तो क्या हुआ,हम खेल देखने आए है,और खेल बहुत अच्छा चल रहा है।" राजीव ने धीरे से कहा और ताली बजाते रहे।

(2) सबूरी

सावन मास की विशेष कथा समाप्त हो चुकी थी प्रसाद की लाइन बहुत लंबी थी।सभी श्रद्धालु शांति से अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे। अचानक चारो ओर घनघोर काली घटा छाने लगी। हल्की बूंदाबांदी भी शुरू हो गई।तेज़ बारिश की आशंका से श्रद्धालुओं में हड़बड़ाहट होने लगी।पहले प्रसाद लेने के चक्कर में अधिकांश लोग लाइन तोड़ कर आगे आने लगे धक्का मुक्की शुरू हो गई।कुछ लोग गिर गए,और उनके हल्की चोट भी लग गई।
   कार्यक्रम संयोजक शांति बनाए रखने की अपील करते रहे,लेकिन सभी को घर जाने की जल्दी थी।तेज़ बारिश में भीगने के डर से,सब,एक दूसरे को पीछे धकेल कर सबसे पहले प्रसाद पाने में जुटे थे।मंदिर के उपर एक बहुत बड़ा बोर्ड लगा था,जिस पर मोटे अक्षरों में लिखा था - सबूरी।

✍️  डॉ पुनीत कुमार
T-2/505
आकाश रेजिडेंसी
मधुबनी पार्क के पीछे
मुरादाबाद - 244001
M - 9837189600

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