जूझ जाएंगे हम आज संसार से ।
प्यार के बोल दो ,बोल दो प्यार से॥
ज़िन्दगी आपकी जान भी आपकी ,
माँग लें आप चाहे जो अधिकार से॥
फिर हक़ीमों की उसको ज़रूरत कहाँ ,
हाल जो पूछ लें आप बीमार से ॥
फिर हमारे लिए ये भँवर कुछ नहीं ,
एक आवाज दें आप उस पार से ॥
साथ "ममता " तो कैसी खुशी और ग़म ,
फ़र्क पड़ता है क्या जीत औ हार से॥
✍️ डाॅ ममता सिंह
मुरादाबाद
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