शनिवार, 12 सितंबर 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ ममता सिंह की ग़ज़ल ----फिर हक़ीमों की उसको ज़रूरत कहाँ , हाल जो पूछ लें आप बीमार से ।


जूझ जाएंगे हम आज संसार से ।
प्यार के बोल दो ,बोल दो प्यार से॥

ज़िन्दगी आपकी जान भी आपकी ,
माँग लें आप चाहे जो अधिकार से॥

फिर हक़ीमों की उसको ज़रूरत कहाँ ,
हाल जो पूछ लें आप बीमार से ॥

फिर हमारे लिए ये भँवर कुछ नहीं ,
एक आवाज दें आप उस पार  से ॥

साथ "ममता " तो कैसी खुशी और ग़म ,
फ़र्क पड़ता है क्या जीत औ हार से॥

✍️ डाॅ ममता सिंह
मुरादाबाद

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