गुरुवार, 3 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार नृपेंद्र शर्मा सागर की लघुकथा -----साम्प्रदायिकता


"क्या हो रहा है ये सब? सम्प्रदायिकता का इतना बड़ा बम फोड़ने पर भी वोटर हमारी तरफ नहीं झुका ऐसा कैसे चलेगा चंदू?" नेताजी ने अपने चमचों को गुस्से से देखते हुए कहा।
"क्या करें हुज़ूर! अब हर मजहब हर जात में लोग पढ़ लिख गए हैं तो जल्दी बहकाने में नहीं आते", चंदू ने  धीरे से कहा।
"हुँह!! लगता है सरकारी स्कूलों की सिर्फ हालत बिगाड़ने से काम नहीं चलेगा। इन्हें बन्द ही करवाना पड़ेगा", नेता जी सर ठोककर बड़बड़ाते हुए चले गए।

 ✍️ नृपेंद्र शर्मा "सागर"
ठाकुरद्वारा मुरादाबाद

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