मंगलवार, 1 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार माहेश्वर तिवारी जी को सात साहित्यिक संस्थाओं - अक्षरा, विप्रा कला साहित्य मंच, परमार्थ, हिंदी साहित्य संगम, अंतरा, राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति एवं हिंदी साहित्य सदन ने 26 अगस्त 2012 को 'साहित्यादित्य सम्मान' से किया अलंकृत

 

मुरादाबाद की सात साहित्यिक संस्थाओं - अक्षरा, विप्रा कला साहित्य मंच, परमार्थ, हिंदी साहित्य संगम, अंतरा, राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति एवं हिंदी साहित्य सदन के संयुक्त तत्वावधान में 26 अगस्त 2012 को कंपनी बाग़ मुरादाबाद स्थित प्रेस क्लब सभागार में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें नवगीत के अद्भुत हस्ताक्षर माहेश्वर तिवारी जी को उनकी अमूल्य नवगीत साधना एवं आकाशवाणी के केन्द्रीय संग्रहालय हेतु 'आर्काइव' के रूप में विशेष उपलब्धि हेतु 'साहित्यादित्य सम्मान' से सम्मानित किया गया। श्री तिवारी को सम्मान स्वरूप प्रतीक चिन्ह, मानपत्र, श्रीफल एवं सातों संस्थाओं द्वारा अंगवस्त्र पहनाकर भेंट किया गया।

       कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देहरादून से पधारे सुप्रसिद्ध गीत कवि डॉ.बुद्धिनाथ मिश्र ने इस अवसर पर कहा- "माहेश्वर जी के नवगीतों में जहाँ एक और ताजगी है वहीँ दूसरी और आंचलिक मिठास भी उनकी रचनाधर्मिता को महत्वपूर्ण बनाती है।" 
वरिष्ठ कवि  शचीन्द्र भटनागर एवं विशिष्ट अतिथि लेखिका डॉ. बीना रुस्तगी सहित अनेक वक्ताओं - डॉ. अजय 'अनुपम', आनंद कुमार 'गौरव', डॉ.कृष्ण कुमार 'नाज़', प्रो. ओमराज, मनीष मिश्र, डॉ. मक्खन मुरादाबादी, अनुराग गौतम, विवेक 'निर्मल', सुरेन्द्र राजेश्वरी आदि ने श्री तिवारी जी के व्यक्तित्व तथा कृतित्व के सन्दर्भ में अपने-अपने विचार रखते हुए उनके सृजन को स्तुत्य बताया। 
      कार्यक्रम में श्री तिवारी जी का एकल काव्यपाठ भी हुआ जिसमें उन्होंने अपने कई गीतों का सस्वर पाठ भी किया- 'एक तुम्हारा होना क्या से क्या कर देता है/ बेजुबान छत, दीवारों को घर कर देता है.' तथा 'धूप में जब भी जले हैं पाँव/घर की याद आयी'।
    कार्यक्रम का सफल संचालन आनंद 'गौरव' ने किया एवं आभार अभिव्यक्ति योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर मुख्यरूप से राजेंद्र मोहन शर्मा 'शृंग', रामदत्त द्विवेदी, ब्रजगोपाल 'व्यास', अशोक विश्नोई, अंजना वर्मा, मनोज 'मनु', बलवीर पाठक, शिशुपाल 'मधुकर', डॉ. जगदीप कुमार, डॉ.पूनम बंसल, डॉ. मीना नकवी, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय, विशाखा तिवारी, सुप्रीत गोपाल, योगेन्द्रपाल सिंह, आदि अनेक स्थानीय साहित्यकार एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे ।

::::::प्रस्तुति::::::::
 
योगेन्द्र वर्मा 'व्योम'
संयोजक - 'अक्षरा' साहित्यिक संस्था
ए.एल.- 49 ,सचिन स्वीट्स के पीछे, 
दीनदयाल नगर-प्रथम,
कांठ रोड, मुरादाबाद 
उत्तर प्रदेश, भारत

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