गुरुवार, 26 नवंबर 2020

मुरादाबाद मंडल के चंदौसी जनपद सम्भल (वर्तमान में अलीगढ़ निवासी ) के साहित्यकार लव कुमार प्रणय की ग़ज़ल -----कोई बचपन की याद ही होगी जिसने उसको बहुत हँसाया है


दोस्त का पत्र  जब से आया है

प्यार का फूल खिलखिलाया है


कोई बचपन की याद ही होगी

जिसने उसको बहुत हँसाया है


खूब  उसने  मुझे    कुरेदा पर

राज़ दिल का न जान पाया है


माँ की ममता कि भूखे बच्चे को

जल भी अब दूध कह पिलाया है


चुपके चुपके से रो रहा है वह

कौन  सा  गीत तुमने गाया है


लौट आओ प्रिये कहाँ हो तुम

बिन तुम्हारे न अपना साया है


है 'प्रणय' का ही तो करिश्मा ये

हर कली  पर  जो  नूर छाया है


✍️ लव कुमार 'प्रणय'

 के-17, ज्ञान सरोवर कॉलोनी, अलीगढ़ .

चलभाष - 09690042900

ईमेल  - l.k.agrawal10@ gmail .Com


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें