"आज का युवा वर्ग वालीबुड के नायक/नायिकाओं को अपना आदर्श मानता है ।" -- मीता ने रीता से कहा --"अपनी मूवी के द्वारा लिखे हुए संवाद बोलकर अभिनय के द्वारा जनता पर छा जाते हैं और युवा वर्ग उन पर गर्व करने लगता है ।"
तभी रीता बीच में ही उसकी बात काटकर बोली --"मगर उनका वास्तविक चरित्र देखा है । पर्दे पर कुछ और है तथा वास्तविक जीवन में कुछ और ही हैं । पैसे और शौहरत के कारण बुरे व्यसन भी इनमें मिलेंगे । पर सभी एक से नहीं है । पता भी है ?"
"हांँ, यह बात तो रीता तेरी सही है ।"--कहते हुए मीता ने अपना कथन जारी रखा --"हमारे वास्तविक नायक/नायिकायें तो हमारे देश के रक्षक हैं, वैज्ञानिक हैं । उनका चरित्र देखिए।"
रीता ने कहा -- "सही बात है मीता । युवा वर्ग के वास्तविक आदर्श अपने उत्तम चरित्र के कारण हमारे देश के रक्षक और वैज्ञानिक-डॉक्टर हैं ।"
✍️राम किशोर वर्मा, रामपुर
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