शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विश्नोई की लघुकथा ----मानवता


    फकीर ने सेठ जी से कहा सेठ जी प्यास लगी है पानी पिला दीजिये ।सेठ जी बोले , अभी कोई आदमी नहीं है, यह कहकर मोबाइल पर बात करने लगे ।जब बात कर चुके तो फकीर ने फिर कहा सेठ जी बहुत प्यास लगी है, पानी पिला दीजिये ।" अरे कहा ना अभी कोई आदमी नहीं है।"

   " इस पर फकीर बोला सेठ जी कुछ देर के लिए आप ही आदमी बन जाइये ।

✍️ अशोक विश्नोई, मुरादाबाद

                       

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