नेता जी को साँप पालने का बहुत शौक था। एक से एक जहरीले साँप उनकी बगिया में पलते थे। नेताजी साँपों से बड़ा लाड़ करते थे, अपने हाथों से उन्हें दूध पिलाते थे। लेकिन इनमें से भी नागराज से उन्हें बड़ा लगाव था।
जब भी नेताजी कहीं जाते नागराज उनकी आस्तीन में छुपा रहता।
न जाने कितने मौकों पर नागराज ने चुपचाप नेताजी के दुश्मनों को निपटा दिया था।
इसी बात का नागराज को घमंड हो गया था।
एक दिन नेताजी को अपनी आस्तीन में जरूरत से ज्यादा सरसराहट महसूस हुई तो उन्होंने नागराज को छिटक दिया। उस दिन उन्होंने उसे दूध भी नहीं पिलाया।
बस नागराज गुस्सा हो गया और उसने सोचा लिया मेरा इतना बड़ा अपमान । अभी मालिक को निपटा देता हूं, और उसने मौका देखकर नेताजी को काट खाया।
लेकिन यह क्या, नेताजी को कुछ नहीं हुआ, उल्टे नागराज ही छटपटाता हुआ मर गया।
✍️ ,श्रीकृष्ण शुक्ल,
MMIG 69, रामगंगा विहार, मुरादाबाद
मोबाइल नंबर 9456641400
बहुत रोचक और सटीक।
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