तारीख़ बदलती रही हर बार
साल आते रहे, जाते रहे
बदलती रहीं सत्तायेंं
नहीं बदली रेप की मानसिकता
1973 में अरुणा शॉनबाग
1980 में बागपत में हुआ
माया त्यागी कांड
या हो..
2012 का निर्भया रेप केस
यहां तक की कठुआ रेप केस के बाद भी
क्यों जगा नहीं हिन्दुस्तान?
बात हाथरस की हो या हो
किसी शहर मोहल्ले की
देख हैवानियत दरिंदों की
जन्म लेने से भारत में
अब बेटी की रूह कांंपती होगी
देश की अंतरात्मा अब भी नहीं
तो पता नहीं फिर कब जागेगी
बेटी बचाओ तो कैसे हर मां
दिन रात यही सोचती होगी
बलात्कारी देश के हर कोने में छुपा है।
हर गली और हर चौराहे पर है,
वो बस में भी है,
वो स्कूल में भी है,
वो जेलों में भी है,
वो अस्पतालों में भी है,
वो धार्मिक संस्थानों में भी है,
वो कठुआ में भी है,
वो उन्नाव में भी है।
वो शहर में भी है
वो गांंव में भी है
कौन सी जगह बताओ
जहां वो नहीं
धर्म-मज़हब ,जात -पात को
ना हथियार बनाओ
साथ एक दूसरे का दो
मानवता का धर्म निभाओ
मासूमोंं को करो सुरक्षित हाथ बढ़ाओ
दरिंदगी करने वालोंं की
इस खतपतवार का खात्मा
अब बहुत जरूरी है
क्यों कि बलात्कारी
देश के हर कोने में छुपा है।
मंगला रस्तोगी, नई दिल्ली
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