बडा नाज था मनु काे अपनी व स्नेहा की दोस्ती पर | स्नेहा भी मनु की सबसे हितैषी व सच्ची सहेली हाेने का दम्भ भरती थी क्याेंकि वह बहुत मीठा बाेलती थी और देखने में व्यवहार भी सौम्य था | कोई भी व्यक्ति उससे बात कर उसका कायल हो जाता था |स्नेहा लिखती भी अच्छा थी एवं अपना काम दूसराें से कैसे निकाला जाता है यह तो कोई उससे सीखे........... |
जब भी स्नेहा काे कोई पुरस्कार मिलता तो मनु फूली नहींं समाती, बढ -चढ कर सबसे पहले मुबारकबाद देती और साेशल साइट पर भी खूब प्रचार प्रसार करती |
मनु भी पढनें में बहुत अच्छी थी |इस बार उसने अपनी कक्षा टॉप की ताे प्रधानाचार्य जी ने उसे पुरस्कृत किया |सभी मित्रों व सहपाठियाें ने उसे बधाई दी पर मनु की आँखें तो कुछ और खाेज रही थी......... वह रह रह कर सभागार के गेट की तरफ टकटकी लगाकर देख रही थी पर स्नेहा का कहीं कोई पता नही था............... |
✍🏻सीमा रानी , पुष्कर नगर , अमराेहा
मोबाइल फोन नम्बर 7536800712
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