मंगलवार, 6 अक्तूबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार (वर्तमान में बरेली निवासी) सुभाष रावत 'राहत बरेलवी' का गीत -----गुलमोहर सी तरुणाई, छलके यौवन में ! भरती है आवेश अनल सी, यह तन-मन में !!

 


गुलमोहर   सी  तरुणाई,   छलके  यौवन  में !

भरती है आवेश अनल सी, यह  तन-मन  में !!


खिले कंवल के आकर्षण सी कोमल काया ,

स्पर्श   पवन  ने  उसे   किया,  तो  मदमाया !

इस  सुख  की अनुभूति  करा दो  जीवन  में ,

गुलमोहर   सी  तरुणाई,   छलके  यौवन  में !

भरती है आवेश अनल सी, यह  तन-मन  में !!


चंचल    चितवन   देख    जिया   हर्षाता  है ,

नयन  बाण   से   उर  पंछी   बिंध  जाता  है !

स्वर  पीड़ा  के  दिये  सुनाई  मन-क्रन्दन  में ,

गुलमोहर   सी  तरुणाई,   छलके  यौवन  में !

भरती है आवेश अनल सी, यह  तन-मन  में !


प्रेम - दृष्टि तुम तनिक  अकिंचन पर कर दो ,

अन्तस  ग्रीवा  प्रेम - सुधा   से  तर  कर  दो !

ज्यों  भ्रमर  करे  प्रेम, कली  से  मधुबन  में ,

गुलमोहर   सी  तरुणाई,   छलके  यौवन  में !

भरती है आवेश अनल सी, यह  तन-मन  में !!


पीत   वसन   में   अंग - अंग   सिमटे   ऐसे ,

वृक्ष   तनों   पर   अमर  बेल   लिपटे   जैसे !

यों  मुझे  भी  ले  लो  हे  प्रिये  आलिंगन  में ,

गुलमोहर   सी  तरुणाई,   छलके  यौवन  में !

भरती है आवेश अनल सी, यह  तन-मन  में !!


सम्मोहन   के    मंत्र    तुम्हें    किसने   बाँटे ,

धरा - गगन   के    टूट    गये    सब   सन्नाटे !

केवल  तुम हो आते -जाते, मन - उपवन  में ,

गुलमोहर   सी  तरुणाई,   छलके  यौवन  में !

भरती है आवेश अनल सी, यह  तन-मन  में !!

 

✍️ सुभाष रावत 'राहत बरेलवी'

मकान सँ० 41, तिरुपति विहार कॉलोनी

अंकुर नर्सिंग होम के पीछे, नेकपुर, बदायूँ रोड, बरेली-243001 (उत्तर प्रदेश)

मोबाइल फोन नंबर :- 09456988483/ 7017609930

ईमेल :-subhashrawat59@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें