शनिवार, 3 अक्तूबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार शिशुपाल सिंह मधुकर का गीत ---रोजगार का नहीं भरोसा महंगा बिजली पानी , दिल्ली साहूकारों जैसी करती है मनमानी, अब सरकार नहीं सुनती है किसी के दिल की हाय


सौ में दस की खातिर ही अब होते सभी उपाय

बोलो बाकी लोगों कब तक सहोगे यह अन्याय


रोजगार का नहीं भरोसा महंगा बिजली पानी

दिल्ली साहूकारों जैसी करती है मनमानी

 अब सरकार नहीं सुनती है किसी के दिल की हाय

 बोलो ---------

 बढ़ती जाती रोज गरीबी खुश होते धनवान

 मेहनत करने वालों का अब होता है अपमान

 बेईमानों ने सारे में लिया है जाल बिछाय

 बोलो -----------

 होता है अपराध साथियों किसी जुल्म को सहना

 शोषण अत्याचार के आगे खतरनाक चुप रहना

 अब तक का इतिहास हमें तो रहा है यही बताय

✍️  शिशुपाल सिंह "मधुकर", मुरादाबाद


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