रविवार, 20 जून 2021

मुरादाबाद की संस्था कार्तिकेय की ओर से 19 जून 2021 को गूगल मीट पर ऑनलाइन काव्य संध्या "पावस अभिनन्दन" का आयोजन

  मुरादाबाद की सामाजिक, साहित्यिक एवम सांस्कृतिक संस्था कार्तिकेय द्वारा वर्षा ऋतु के स्वागत में शनिवार 19 जून 2021 को गूगल मीट पर ऑनलाइन काव्य संध्या का  आयोजन किया गया । " पावस अभिनंदन " शीर्षक से आयोजित इस साहित्यिक संध्या का शुभारंभ   डॉ ममता सिंह द्वारा मां सरस्वती की वंदना से किया गया ।  

    संयोजिका डॉ रीता सिंह के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध कवयित्री  डॉ अर्चना गुप्ता ने माहिया गीत प्रस्तुत किया

ये हरियाला सावन 

बहुत सताता है .

कब आओगे साजन 

काले काले बादल 

ठंडी बौछारे 

भीगा भीगा आँचल 

ये मौसम मनभावन

 बहुत सताता है 

     वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने भावपूर्ण छंदमुक्त रचना का पाठ किया ----

      मंदिरों में हो रही है 

      पूजा अर्चना

      और

       गिरजाघरों में प्रार्थनाएं

       मस्जिदों में

       आसमान की ओर उठ रहे हैं

       सैकड़ों हाथ

       अल्लाह मेघ दे,पानी दे

   कवयित्री मीनाक्षी ठाकुर ने दुर्मिल सवैया छंद में अपनी रचना का सस्वर पाठ किया ----

" घनश्याम घटा घनघोर घनी,घन झूम गयौ गरजे- बरसे।

चमकी ,चपला ,चित -चोर बनी  ,पपिहा चहके, मनवा तरसे... " 

लाल कुआं (उत्तराखंड) से उपस्थित सत्यपाल सिंह ' सजग ' ने कहा ----

" देखो-देखो सखी अरे! देखो सखी,

मेघ काले घिरे हैं गरजने लगे ।

देखते-देखते हाय यह क्या हुआ ,

 भीगी अंगिया निगोड़े बरसने लगे।।

मेरा धड़के जिया बिन तुम्हारे पिया,

नैन दोनों मिलन को तरसने लगे.।।

 सितारगंज ( उत्तराखंड )से पुष्पा जोशी प्राकाम्य ने मधुर गीत प्रस्तुत किया ----

" चंद्रमुखी चुनरी बिच चमकत।

कँगना खनकत,पायल छनकत।

पनघट के तट घन घन गरजत।

मन धड़कत,डरपाए रे!हाए रे!

बदराऽऽऽऽऽ, कारेऽऽऽऽऽ, कारेऽऽऽऽऽ, आए...."  चन्दौसी से वरिष्ठ कवयित्री डाॅ आशा विसारिया ने  कहा ----

" बदरी घुमड़ के आ गई पावस में देखिए ।

दिन में  अँधेरी छा गई  पावस  में  देखिए ।" 

गज़लकार शिव दत्त ' सन्दल ' ने  गजल प्रस्तुत की - 

" नये पौधो में जुम्बिश चाहता है, 

 ये सूखा खेत बारिश चाहता है " 

डॉ रीता सिंह ने कविता प्रस्तुत की----

' मेघों की है चढ़ी बरात,

चमकी चपला सारी रात ' 

 बरेली से राज बाला धैर्य ने गीत प्रस्तुत किया----

 " सावन की यह रिमझिम बारिश , 

 हरे-हरियाली के घेरे। 

 गाँव के पनघट ताल-तलैया,

 सब ही तुझको टेरें " 

डाॅ ममता सिंह ने खूबसूरत गजल प्रस्तुत की--- 

 " सनम कैसे छिपायें हम ये दिल की बात बारिश में हुए मुश्किल बहुत ही आज तो हालात बारिश में "  

  मुख्य अतिथि के रूप में  दीपक बाबू (सी ए) ने सभी साहित्यकारों की रचनाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की व सभी को उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिये प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया । 

    संस्था  के सचिव डाॅ पंकज दर्पण  ने सभी साहित्यकारों , अतिथिगण व श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर डॉ नीलू सिंह,  अमित गुप्ता,  वीरेन्द्र शर्मा, डाॅ टी एस पाल , क्षमा गोयल , डाॅ रेनू चौहान , गोपाल हरि आदि उपस्थित रहे ।








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