रविवार, 6 जून 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विश्नोई के दोहे ----



1, हरियाले वन हैं सदा,जीवोँ का आवास,

    निश्चित इनके छरण से,पर्यावरण विनाश ।

2,  शुद्ध हवा,निर्मल गगन,वर्षा हो भरपूर,

     ऐसा ही पर्यावरण, है हमको मंजूर ।

3,  वन्य जीव सेवार्थ जो,करे त्याग बलिदान,

     ऐसा मानव ही सदा, होते यहां महान।

4,  जीव संरक्षित हों सभी, ऐसा करो प्रयास,

     जीव हमारे मित्र हैं, करियेगा विश्वास ।


✍️अशोक विश्नोई, मुरादाबाद , मो ० 9411809222

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