जब थके हों
पसीने से बेहाल
ढूँढें सहारा
वृक्ष की तब
आँचल फैलाती है
शीतल छांव
बहती हवा
दूर करती पीड़ा
सहला ज़ख़्म
चलते फिर
जीवन सफ़र में
ताजगी भर
सहारा देते
जो वृक्ष हमें सदा
नमन उन्हें
✍🏻 प्रीति चौधरी, गजरौला,अमरोहा
पसीने से बेहाल
ढूँढें सहारा
वृक्ष की तब
आँचल फैलाती है
शीतल छांव
बहती हवा
दूर करती पीड़ा
सहला ज़ख़्म
चलते फिर
जीवन सफ़र में
ताजगी भर
सहारा देते
जो वृक्ष हमें सदा
नमन उन्हें
✍🏻 प्रीति चौधरी, गजरौला,अमरोहा
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