रविवार, 6 जून 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार मनोज वर्मा मनु के दोहे -----देव तुल्य हो वृक्ष तुम, तुमको सतत् प्रणाम


जीवन की इक हम कड़ी, वृक्ष दूसरा छोर। 

इन दोनों पर ही टिकी, इस जीवन की डोर।।


सुनो वृक्ष भी चाहते, प्यार भरा अहसास।

ये भी जीवन से भरे,  ये  भी लेते स्वास।।


वृक्ष बड़े अनमोल हैं, देते  जीवन  वायु।

इनका संरक्षण करें, इनसे मिलती आयु।।


दूषित पर्यावरण में, है जीवन का हास।

नस्लें तक पहलाएंगी, कर लेना विश्वास।।


वृक्षों की रक्षा करें, नैतिकता यह आज।

हरे भरे हों वृक्ष तो, फूले  फले  समाज।।


इनमें भी जीवन बसा, हैं केवल गतिहीन।

हरे वृक्ष के नाश से, मानव  होता  क्षीण।।


जीते मरते हर समय, आते  सबके  काम।

देव तुल्य हो वृक्ष तुम, तुमको सतत् प्रणाम।।

✍️ मनोज वर्मा मनु, मुरादाबाद

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