सोमवार, 7 जून 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार वीरेंद्र सिंह बृजवासी का गीत -----करें प्रतिज्ञा सबको मिलकर सौ-सौ पेड़ लगाना होगा


डाली  -  डाली, पत्ती -  पत्ती

का  एहसान   चुकाना  होगा

विकसित होती  हुई जड़ोंको

मिलकर  हमें  बचाना  होगा।

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पेड़  सभी के  लिए  धरा पर

जीवन काअनमोल  खजाना

जो भी नहीं  समझता इनको

उसका व्यर्थ  जगत में आना

अभी  समय  है  चेतो  वरना

रो-रोकर   मर  जाना   होगा।


हरियाली   आनंदित   करती

सभी दिलों में खुशियां भरती

आंखों  को  शीतलता  देकर

मन   में   नई   उमंगें   धरती

इन्हें  नष्ट  करने  का  मन  में

किंचित भाव न  लाना  होगा।


यह  पर्वत  को  जकड़े  रहते

नदियों का  तट  पकड़े  रहते

आंधी,   पानी,   सैलावों   से

टक्कर   लेने   अकड़े   रहते

हैं  जग  के  रखवाले  इनको

कभी  नहीं  बिसराना  होगा।


सांस-सांस पर इनका हकहै

इसमें भी क्या  कोई  शक है

बेरहमी  से  इन्हें   काट  कर

करी व्याधियों की आवक है

अपने  हित में  सच्चाई   को

कभी  नहीं  झुठलाना  होगा।


मौसम भी इन पर  निर्भर है

वृक्ष  बिना  धरती  बंजर  है

सूखा  झेल  रहे  मानव  की

देह   हुई   अस्थी   पंजर  है

हरियाली चहुं ओर बिछाकर

स्वर्ग  धरा  पर  लाना  होगा।


खुशहाली ही  खुशहाली  हो

नहीं  कहीं भी  बदहाली  हो

रंग   बिरंगे   गुलदस्तों   की

महक बड़ी ही  मतवाली हो

करें प्रतिज्ञा सबको मिलकर

सौ-सौ  पेड़   लगाना  होगा।

✍️ वीरेन्द्र सिंह "ब्रजवासी"

      मुरादाबाद/उ,प्र,

       9719275453

               

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