रविवार, 20 जून 2021

मुरादाबाद मंडल के धामपुर (जनपद बिजनौर) की साहित्यकार चन्द्रकला भगीरथी की रचना ----


पिता से बढ़कर दुनिया में ना है कोई ओर

जुबां पर आज दिल की बात आ गई।


पिता ही घर परिवार चलाते

पिता सारी जिम्मेदारी निभाते

पिता ही है घर के सरदार

इनसे बढकर ना कोई ओर

जुबां पर आज दिल की बात आ गई।।


पिता एक वृक्ष की तरह है

जो मजबूती से टिके रहते

बिना स्वार्थ के सबका

पालन पोषण करतें

पिता ही है घर के आधार

इनसे बढकर न कोई ओर

जुबां पर आज दिल की बात आ गई।।


दुख सारे खुद वो सहते

खुशियां सबको देते रहते

पल भर में सबके जज्बात समझते

ऐसे हैं वो प्राणाधार

इनसे बढकर न कोई ओर

जुबां पर आज दिल की बात आ गई।।


पिता से बढ़कर दुनिया में है ना कोई ओर

जुबां पर आज दिल की बात आ गई।।


✍️ चन्द्रकला भागीरथी, धामपुर जिला बिजनौर

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