शुक्रवार, 4 जून 2021

मुरादाबाद मंडल के गजरौला (जनपद अमरोहा ) निवासी साहित्यकार रेखा रानी की लघुकथा ----ऑन लाइन पढ़ाई


शीला  बड़बड़ाए जा रही थी कि "इस जमाने में तीन - तीन बच्चों को पालना ही कितना मुश्किल  और ऊपर से पढ़ाई भी सरकार फ़ोन पर ही करवाएगी । कहां से लाऊं इतना पैसा ..... सोनू के पापा  होते तो अपने आप जो भी करते मुझे परेशान न होने देते । सरकार के करिंदे बार बार कहे जा रहे हैं कि हाथ सैनेटाइज करो ,साबुन से हाथ धोओ एक टिक्की भी दस से कम की नहीं मिलती है..... सरकार भी....।" मम्मी! मैम कह रही थी, कि मां से कहो टच वाला फ़ोन लो बिना लिए काम नहीं चलेगा। तभी पिंकी ने कहा मां मुझे भी चाहिए, उधर से चिंकू बोला ....." मेरा काम भी नहीं चल पा रहा है बिना फोन "..... अब तो शीला ने अपना माथा ही पीट लिया और चिल्लाने लगी "एक काम करो..... मुझे बेच दो किसी को और ले लो तुम तीनों टच के मोबाइल ....हां ! तुम्हारा बाप तो बडी जायदाद छोड़ कर गया है ना ....जो उसकी कमाई से तुम्हें मोबाइल से पढ़वा लूं " कहते - कहते आपा खो गई शीला.... तभी अचानक नीचे गिर पड़ी बेहोश होकर ,ऐसी गिरी कि फ़िर कभी न उठी। तीनों बच्चे उससे चिपट कर रो रहे

✍️ रेखा रानी,  विजयनगर, गजरौला, जनपद -अमरोहा उत्तर प्रदेश।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें