'इनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी है। इनका ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है।इसी ब्लड ग्रुप की किडनी चाहिये क्योंकि दूसरे ब्लड ग्रुप से कोम्प्लीकेसन के चांस रहते हैं। जल्द इन्तजाम कीजिये। डॉक्टर ने राजेश से कहा।
राजेश का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव था। वह बहुत परेशान था। रागिनी के बिना वह जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता था। वह बैन्च पर बैठकर सभी रिश्तेदारों को फोन मिलाने लगा, पर कहीं से कोई इन्तजाम नहीं हो पाया। जिनका ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव था, उन्होने भी मना कर दिया। राजेश नीचे मुहँ करके बैठ गया।उसे कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही थी। अचानक एक अजनबी ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा, 'दोस्त मेरा ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है, मैं किडनी देने को तैयार हूँ।'
पर ........तुम्हारे से तो मेरा कोई रिश्ता भी नहीं है, फिर तुम क्यों .........राजेश ने रुंधे गले से कहा।
तुम शायद भूल रहे हो, एक बहुत गहरा रिश्ता है मेरा तुमसे .............. इंसानियत का रिश्ता। मै अपनी बीवी को नहीं बचा सका, पर दोस्त अपनी बहन को कुछ नहीं होने दूँगा। चलो उठो, जल्दी चलो।
दोनों उठे और तेज कदमों से चल दिये।
✍️ प्रीति चौधरी ,गजरौला, अमरोहा
बहुत बढ़िया 👍💐
जवाब देंहटाएं🙏🙏🙏🙏
हटाएंबहुत ही सुंदर लघुकथा प्रीति जी बधाई हो
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