शुक्रवार, 4 जून 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विद्रोही की कहानी ---विश्वास


.... ट्रेन का समय हो चुका था ....जल्दी-जल्दी टैक्सी को पैसे दिये और भागते भागते ट्रेन पकड़ी ट्रेन में बहुत भीड़ थी ....

जैसे ही विकास अपनी बर्थ तक पहुंचा..... कि ट्रेन चल दी....

...... 5 दिन बाद रेनू की शादी है सभी तैयारियां विकास को ही करनी थीं.... बैंक से 100 की 500 की नए नोटों की गड्डियां कैश निकाला..., गहने ,कपड़े ,बनारसी साड़ियां बनारस से ही खरीदीं काफी सामान हो गया था ....इसीलिए उसके पास दो बड़े बड़े सूट केस हो गये.... जिन्हें संभाल कर उसने अपनी बर्थ के नीचे रख लिया।

....... सामने वाली बर्थ किसी दिनेश गोस्वामी की थी..... शायद उसकी भी ट्रेन छूट गई...... वैसे सभी बर्थें  भरीं थीं......... प्रतापगढ़ से वह बर्थ *विश्वास* (दूसरी सवारी )को दे दी

गयी ....गोरा चिट्टा सजीला नौजवान सात फिटा.... किसी हीरो से कम आकर्षक व्यक्तित्व नहीं..... विकास के सामने वाली बर्थ पर आ गया चेहरे पर मुस्कुराहट ने बरबस ही विकास को उससे बोलने के लिए मजबूर कर दिया....।

         धीरे-धीरे विकास और विश्वास में घनिष्ठता बहुत बढ़ गई खाने का समय हुआ तो  दोनों ने अपने-अपने घर से लाया हुआ खाना निकाला साथ बैठकर खाना खाया हंसी मजाक होती रही । बातों ही बातों में विकास ने उसे बहन की शादी में आमन्त्रित भी कर दिया........ थोड़ी देर बाद विश्वास को टॉयलेट जाना पड़ा बड़े सुंदर से इंपोर्टेड दो सूटकेस इसके पास भी थे !....बर्थ पर रखकर विकास को सौंप कर चला गया.... शायद काफी देर से रोके हुए था... काफी देर में लौटा.... धीरे धीरे बरेली पास आ रहा था और विकास भी फ्रेश होने के लिए अपना सामान उसको सौंप कर टॉयलेट चला गया बरेली में ट्रेन रुकी....... लौट कर आने पर देखा विश्वास वहां नहीं था और ट्रेन बरेली से आगे खिसक चुकी थी सामने वर्थ पर विश्वास के सूट केस रखे हुए थे ..... जिन्हें देखकर विकास ने चैन की सांस ली..... जब काफी देर हो गई तो उसे चिंता हुई शायद वह बरेली स्टेशन पर उतरा हो और ट्रेन छूट गई हो.... काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब वह नहीं लौटा जो विकास ने झांककर अपनी बर्थ के नीचे देखा ........  तो उसके होश उड़ गए... ........ये क्या ! विकास के दोनों सूटकेस गायब थे.... उसकी जैसे जान ही निकल गई हो.......फिर क्या था ....पूरे कंपार्टमेंट में और पूरी ट्रेन में विकास ने उसे खूब ढूंढा परंतु वह कहीं नहीं मिला .......पुलिस को सूचित किया....

मुरादाबाद आ चुका था उसके सूटकेस खुलवाए गए सूट केसों में अखबारों के बीच में पत्थर के टुकड़े भरे हुए थे......! फोन मिलाने पर बार-बार मैसेज आ रहा था यह नंबर मौजूद नहीं है कृपया नंबर की जांच जांच कर ले.........

....... विकास का सर चक्कर खाने लगा!

✍️ अशोक विद्रोही, 412 प्रकाश नगर, मुरादाबाद , मोबाइल फोन 82188 25 541

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