शुक्रवार, 4 जून 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार वीरेंद्र सिंह बृजवासी की लघु कथा -----बच्चा चोर


अरे,अरे,,,तुम सब लोग यह क्या कर रहे हो।इस स्त्री का क्या दोष है जो तुम इस पर इतनी बेरहमी से लात-घूंसे चला रहे हो।

    साहब, आप नहीं जानते यह भोली नहीं बच्चा चोर है बच्चा चोर।  ठहरो,अभी इस महिला से ही पूछ लेते हैं,की जो बच्चा उसके हाथ से छूटकर नींचे गिरा है, वह उसका अपना है या वह कहीं से उठाकर ले आई है।

     भद्र पुरुष ने पहले तो उस स्त्री को पानी पिलाया,फिर थोड़ा शांत होने पर उससे बड़ी विनम्रता से पूछा 'बहन' तुम डरो मत, मुझे साफ-साफ बताओ कि यह उग्र भीड़ जो कह रही है वह सत्य है क्या?

    नहीं-नहीं यह बिल्कुल भी सत्य नहीं है।मैने किसीका बच्चा नहीं चुराया भैया। भला एक माँ होकर में ऐसा घृणित कार्य क्यों करूंगी।

    सच तो यह है कि मेरे बच्चे को बहुत तेज़ बुखार है,मैं उसे पास के गांव में वैद्य जी को दिखाने की जल्दी में थी।चलते-चलते मेरा पांव किसी पत्थर से टकरा गया।मैं गिरते-गिरते बची मगर मेरा बच्चा छिटककर दूर जा गिरा।बच्चे को गिरते देख इन लोगों ने यह समझा 

की बच्चा मैंने इनको आते देख जानबूझकर फेंक दिया है।

    तभी इन लोगों ने चोर,चोर बच्चा चोर का शोर मचाते हुए मुझे अभद्र शब्दों के साथ बुरी तरह से मारना-पीटना शुरू कर दिया।

       मैंने इनके आगे बहुत हाथ -पंजे जोड़े और यह समझाने की हर संभव कोशिश की की यह बच्चा किसी और का नहीं मेरा ही है।पर इनके सर पर तो भूत सवार था।किसी ने मेरी एक न सुनी।वह तो आप अच्छे आ गए वर्ना तो ये मुझे जान से ही मार देते कह कर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी और कहने लगी मेरे बाद मेरे बच्चे का क्या होता।

     आप तो इस गांव के हर घर से बच्चा खोने की सूचना मंगालें,अगर सही हुआ तो में सभी के सामने स्वयं को दोषी मान लूंगी।अन्यथा इन सरफिरे गुंडों को भी एक माँ के साथ अभद्रता करने की न्यायोचित कार्यवाही की व्यवस्था अवश्य ही कराएं।

     आपका बहुत बड़ा उपकार होगा भाई साहब!

✍️ वीरेन्द्र सिंह "ब्रजवासी", मुरादाबाद/उ,प्र, मोबाइल फोन नम्बर 9719275453

                  

                 

                          -------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें