गुरुवार, 9 जुलाई 2020

मुरादाबाद मंडल के कुरकावली (जनपद सम्भल) के गीतकार स्मृति शेष रामावतार त्यागी की जयंती 8 जुलाई पर 'मुरादाबाद लिटरेरी क्लब' द्वारा दो दिवसीय ऑन लाइन साहित्यिक आयोजन


वाट्स एप पर संचालित  साहित्यिक समूह 'मुरादाबाद लिटरेरी क्लब' द्वारा "ज़मीं खा गयी आसमां कैसे कैसे" शीर्षक के तहत 8 व 9 जुलाई 2020 को प्रख्यात गीतकार रामावतार त्यागी के व्यक्तित्व एंव कृतित्व पर ऑन लाइन चर्चा की गई। क्लब द्वारा मुरादाबाद के दिवंगत साहित्यकारों को उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर याद किया जाता है । 8 जुलाई को स्मृतिशेष रामावतार त्यागी की जयंती थी ।
     
   सबसे पहले ग्रुप के सदस्य वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने रामावतार त्यागी के शुरुआती जीवन, उनके जीवन संघर्षों और साहित्यिक योगदान के बारे में विस्तार से बताया और उनके प्रतिनिधि गीत पटल पर रखे। बताया कि उनका पहला काव्य संग्रह वर्ष 1953 में 'नया खून' नाम से प्रकाशित हुआ। उसके पश्चात 'आठवां स्वर' ,(1958) 'मैं दिल्ली हूं'( 1959), 'सपने महक उठे'( 1965), 'गुलाब और बबूल'( 1973), ' गाता हुआ दर्द'( 1982), ' लहू के चंद कतरे'( 1984), 'गीत बोलते हैं'(1986) काव्य संग्रह प्रकाशित हुए। वर्ष 1954 में उनका उपन्यास 'समाधान' प्रकाशित हुआ। इसके अतिरिक्त 1957 में  उनकी कृति 'चरित्रहीन के पत्र'  पाठकों के समक्ष आई ।
 
 उनकी रचनाधर्मिता पर चर्चा शुरू करते हुए विख्यात नवगीतकार  यशभारती माहेश्वर तिवारी ने कहा कि "रामवतार त्यागी  हिंदी खड़ीबोली के ऐसे रचनाकार हैं जो काव्यत्व के धरातल पर अपने समकालीन बहुत से लोक विश्रुत कवियों से बहूत आगे थे। जमीदराना ठसक और विद्रोह का स्वर उनके निजी व्यक्तित्व के साथ साथ उनकी कविता में भी देखी जा सकती है ।उनके गीतों में भी नवगीत के आरंभिक लक्षणों की पहचान की जा सकती है"।     

वरिष्ठ कवि डॉ अजय अनुपम ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि रामावतार त्यागी कवि नहीं बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत की चेतना के सोए हुए भावों में पुनर्जागरण का शंख फूंकने वाले मनीषी हैं।"

प्रख्यात व्यंग्य कवि डॉ मक्खन मुरादाबादी ने कहा कि "रामावतार त्यागी गीत के बड़े कवि हैं। ऐसे बड़े जो लम्बे अंतराल से जन्म लेते हैं। अपनी पीढ़ी के सर्वाधिक प्रखर रहे गीत कवि रामावतार त्यागी निश्चित ही अद्भुत हैं। आधुनिक हिन्दी गीत का इतिहास जब कभी भी कायदे से लिखा जायेगा तो हिन्दी गीत रामावतार त्यागी के नाम से ही करवट लेगा।"

मशहूर शायरा डाॅ मीना नक़वी ने कहा कि "रामावतार त्यागी जी के गीतों में जनभावना के साथ साथ मन की कोमल संवेदनाओं की स्पर्श करने कीभी अद्भुत क्षमता है। भावों की कोमलता मन को छूती है।"       

वरिष्ठ कवियत्री डॉ प्रेमवती उपाध्याय ने कहा कि "डॉ मनोज रस्तोगी द्वारा प्रस्तुत रामावतार त्यागी जी के गीतों को आज पढ़ कर ऐसा लगा जैसे अनेक प्रकार के दुख द्वंद में भी दूसरों के सुख की परवाह करने वाला मन त्यागी जीके पास था।"

मशहूर शायर डॉ कृष्ण कुमार नाज़ ने कहा कि "रामावतार त्यागी जी स्वाभिमानी रचनाकार थे और यह बात उनकी रचनाओं में भी स्पष्ट झलकती है।"


जनवादी कवि शिशुपाल मधुकर ने कहा कि " रामवतार त्यागी जी की रचनाएं साहित्य की महत्वपूर्ण विरासत है।उन्होंने गीतों की परम्परागत धारा को मोड़ने का कार्य किया है।"

मशहूर शायर डॉ मुजाहिद फराज़ ने कहा कि " मुरादाबाद लिट्रेरी ग्रुप में डॉ मनोज रस्तोगी द्वारा प्रस्तुत सामग्री पढ़ कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस मिट्टी से कैसे कैसे अनमोल हीरे वाबस्ता रहे हैं।"

 समीक्षक डॉ मोहम्मद आसिफ हुसैन ने कहा कि "हमें गर्व  होता है कि ऐसे महान गीतकार ने हमारे जिले से जन्म लिया। मुरादाबाद के साहित्य के इंसाइकोक्लोपीडिया डॉ मनोज रस्तोगी ने उनका जीवन परिचय एवं गीत प्रस्तुत करके हम पर उपकार किया है ।
 युवा शायर राहुल शर्मा ने उनकी रचनाधर्मिता पर कहा कि "त्यागी जी हिंदी साहित्य समाज की अनुपम धरोहर के साथ साथ मुरादाबाद की ऐसी धरोहर हैं जहाँ दर्द भी आकर शरण प्राप्त करता है"।

युवा कवि राजीव प्रखर ने कहा कि "यह परिस्थितियों की विडंबना ही कही जायेगी कि, वर्तमान पीढ़ी अभी तक रामावतार त्यागी के महान रचना कर्म से उतनी परिचित नहीं हो सकी थी जितना उसे होना चाहिये था।" उनकी रचनाएं कालजयी हैं ।

युवा शायर फरहत अली खान ने कहा कि " वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने रामावतार त्यागी की रचनाओं से हमें परिचित कराया । वह बधाई के पात्र हैं। ऐसे गुणी और सरस गीतकार पर तो बहुत रिसर्च की ज़रूरत है।"

युवा कवियत्री हेमा तिवारी भट्ट ने कहा कि "वे निस्संदेह एक स्वाभिमानी और स्पष्टवादी रचनाकार थे, जिसे चाटुकारिता कतई पसंद नहीं थी।"


युवा कवि मयंक शर्मा ने विचार व्यक्त हुए कहा कि "काव्य लेखन  रामावतार त्यागी जी का नैसर्गिक गुण था। जीवन में संघर्ष करते हुए भी उनकी लेखनी  कभी अवरुद्ध नहीं हुई।"

युवा कवियत्री मीनाक्षी ठाकुर ने कहा कि "स्मृतिशेष रामावतार त्यागी जी की रचनाओं में विद्रोही तेवर, राष्ट्रवाद की भावना, जनजागरण, दार्शनिकता व कहीं कहीं कल्पनाओं का समावेश भी मिलता है।"


समीक्षक डॉ अज़ीमुल हसन ने कहा कि " रामवतार त्यागी ने  पूरे देश में मुरादाबाद का नाम रोशन किया । अपने ही जिले में जन्मे ऐसे महान कवि से आज समूह के माध्यम से परिचित होकर हमें  गर्व की अनूभूति हो रही है।"

 युवा शायरा मोनिका मासूम ने कहा कि "श्री रामावतार त्यागी जी के गीत सुप्त ह्रदय में प्राण फूंकने की क्षमता रखते हैं।"


 मुरादाबाद लिट्रेरी ग्रुप के  एडमिन और संचालक शायर ज़िया ज़मीर ने कहा कि "रामावतार त्यागी जी के गीतों की भाषा, गीतों की पंक्तियों की तकरार और गीतों के जो भाव हैं उन्हें पहली सफ़ के गीतकारों में शामिल करने के लिए काफ़ी हैं।"

:::::::::प्रस्तुति:::::::::

ज़िया ज़मीर
ग्रुप एडमिन
मुरादाबाद लिटरेरी क्लब
मो०8755681225

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