गुरुवार, 23 जुलाई 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की लघु कथा--------घाटे का सौदा


रामप्रकाश जी ने किसी को,तीन साल पहले अस्सी हज़ार रुपए,व्यापार के सिलसिले में दिए थे।किसी कारण वो डील कैंसिल हो गई लेकिन अब वो व्यक्ति उनके रुपए नहीं लौटा रहा था । रामप्रकाश जी अपनी ओर से हर संभव प्रयास करके थक चुके
थे।एक दिन अचानक उनको याद आया । उनके साथ हाईस्कूल में दिनेश सिंह नामका लड़का पदा करता था।आजकल वो सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक है।उन्होंने जानकारी प्राप्त कर फोन पर उससे बात की,और अपनी समस्या के बारे में उसे बताया।वो रामप्रकाश जी को एकदम पहचान गया और उसने आश्वस्त किया कि कल तक आपके रुपए आपको मिल जाएंगे।
    अगले ही दिन किसी ने उनका दरवाज़ा
खटखटाया।कोई नौजवान खड़ा था।बोला । 'मुझे विधायक जी ने भेजा है।आपके रुपए
मिल गए है।' रामप्रकाश जी को इतनी जल्दी कार्यवाही की उम्मीद नहीं थी।वो खुशी से फूले नहीं समा रहे थे।इसी बीच उस नौजवान ने अपनी जेब से एक कागज निकाल कर रामप्रकाशजी की ओर बढ़ाया "आजकल पार्टी के लिए फंड इकट्ठा हो रहा है,विधायक जी ने आपकी एक लाख रुपए की रसीद कटवा दी है। अस्सी हज़ार आपके आ चुके है
अब केवल बीस हज़ार आपको देने हैं " रामप्रकाश जी अवाक से खड़े थे।मानो सोच रहे हो, मै किस घाटे के सौदे में फंस गया।

डॉ पुनीत कुमार
T -2/505
आकाश रेजिडेंसी
मधुबनी पार्क के पीछे
मुरादाबाद - 244001
M - 9837189600

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें