शनिवार, 18 जुलाई 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार राशि सिंह की लघुकथा -------काश कि तुम माँ बन पातीं !


​"मम्मी जी आज सिर में बहुत दर्द हो रहा है ,रात निमित ने सोने नहीं दिया ,उसको बहुत सर्दी हो रही है न !"अदिति ने कमरे से निकलते ही सास का फूला हुआ मुँह देखते ही सफाई दी l
​"अब जल्दी जल्दी काम निपटा लो ....इनको ऑफिस और संजू को कॉलिज भी जाना है l"सास ने फरमान सुनाया l
​"और मुझे स्कूल जाना है और निमित को स्कूल छोड़कर आना है ...सारा काम निपटाने के बाद ...यह तो बस मै ही जानती हूँ l"अदिति ने मन ही मन कहा और लग गयी फ़टाफ़ट काम करने में l एक सवाल मन में आया कि अगर मेरी मायके वाली मम्मी होतीं तो क्या ऐसे ही कहतीं ?
​इतने में निमित जाग गया l
​"सुनिए ....ज़रा इसको दूध बना देना मैं नहाने जा रही हूँ l"अदिति ने पति अभिषेक को जगाते हुए कहा और कहकर जैसे ही बाहर आई सास ने रोक लिया l
​"बहु अभिषेक को सोने दिया करो देर तक, थक जाता है ऑफिस में l"
​अदिति ने कुछ नहीं कहा बस नहाने चली गई l
​सुनकर  दिल भर आया l
​"अभी तक नाश्ता नहीं बना मम्मी ...मैं कॉलिज के लिए लेट हो रहा हूँ ,?"देवर संजू ने गुस्से से कहा , ससुर जी भी आकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गए l
​इधर निमित चिड़चिड़ा रहा था तबीयत ठीक  नहीं थी l
​अदिति ने जल्दी जल्दी नाश्ता कराया सबको और खुद भी तैयार होने लगी l
​"सुनिए आप तो लेट जाएंगे ,ज़रा निमित को डॉक्टर को दिखा देना l इसकी तबीयत ठीक नहीं है l"अदिति ने पति से कहा l
​"निमित की तवीयत ठीक नहीं है तो मत जाओ स्कूल ,तुम ही दिखा लाना l"अभिषेक ने हाथ पौंछते हुए कहा l
​"लेकिन क्या बहु ....एक दिन नहीं जाओगी तो स्कूल बंद थोड़े ही हो जाएगा ...इसको तो ऑफिस में बहुत सुननी पड़ती है एक दिन की भी छुट्टी होने पर l"सास ने सफाई दी l
​"मेरी स्कूल में आरती उतारी जाती है क्या ?"अदिति ने खुद से प्रश्न किया l

​​राशि सिंह
​मुरादाबाद उत्तर प्रदेश 

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