शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार प्रवीण राही की लघुकथा ----- अंतर


मेरी आंखों के सामने ही,रेंज रोवर गाड़ी चला रहे , किसी बड़ी शख्सियत ने शराब के नशे में सड़क पर लेटे हुए कुत्ते  को कुचल दिया। और तो और गाड़ी से उतर कर मानवता के नाते उस कुत्ते को बचाने की कोशिश भी नहीं की। कुछ दिनों बाद इन्हीं के बारे में पेपर में पढ़ने को मिला, सड़क के किनारे किसी गरीब को इनकी गाड़ी ने कुचल दिया, थोड़े दिन बाद इस मामले से उनको बरी कर दिया गया... क्योंकि उस गरीब के घर वालों ने मुआवजा ले कर अपना केस वापस कर लिया था। शायद इंसानों और जानवरों के बीच यही अंतर है.....

प्रवीण राही

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