शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद बिजनौर निवासी साहित्यकार भोलानाथ त्यागी की कविता ------- नमामि गंगे

जल है , तो कल है -
लेकिन अब तो
जलहीन हैं
नदियां
सूख गई हैं  संवेदनाएं -
आंखों का पानी भी ,
मर चुका है कभी का -
उम्मीद की मछलियां ,
तपते रेगिस्तान में
तलाशी जा रही हैं -
पानी ,
खुद पानी - पानी
हो रहा है ,
और , भविष्य -
कटे जंगलों में
शेष ठूंठों सा ,
बिलबिला रहा है /
नीरो -
पूर्वतः , बाँसुरी बजा
भस्मासुरी नृत्य में -
मगन है ,
नमामि गंगे का जयघोष -
मात्र ,
उपहास का पात्र
बन कर रह गया है ,
राजनीति के ,
विदूषकों की
खोखली जलभक्ति
और -
जलसमाधि लेते ,
आश्वासन ,
मृगमरीचिका बन
जल , तलाश रहें हैं -
मरुस्थल में ......

✍️ भोलानाथ त्यागी
 विनायकम
49 इमलिया परिसर 
सिविल लाइंस
बिजनौर 246701
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 70172 61904  , 94568 73005
                   

1 टिप्पणी: