बुधवार, 1 जुलाई 2020

मुरादाबाद की साहित्यकार राशि सिंह की कहानी -----जिसकी लाठी उसकी भैंस


"मैंने कहा था न कि अभी मेरे साथ शहर मत चलो, जब घर का बंदोबस्त हो जाए तभी चलना मगर तुमको तो बस मेरे साथ यहां आने की जिद सी थी... अब रहो इस घौंसले में और...... l"
​"अजी आप तो ऐसे गुस्सा हो रहे हैं जैसे दुनियाँ की हम पहली महिला हों जिसने अपने पति के साथ नौकरी पर संग जाने की जिद की हो l"स्वर्णा को भी गुस्सा आ गया और वह अपने पति सुकुमार पर विफर पडी l
​"अब तुम फिर गुस्सा हो गईं भाग्यवान.... अब देखो न चार दिन हुए हैं हमें इस घर में आये हुए, मकान मालिक ने टोका टाकी शुरू कर दी... यह मत करो... वहाँ वो मत रखो.... l"सुकुमार पत्नी को समझाते हुए बोले l
​"अरे तभी तो कह रहे हैं कि आप इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं, फिर आप वहां पर कोई क्वार्टर क्यों नहीं ले लेते? "स्वर्णा ने दोनों हाथ चलाते हुए कपडे बाहर छोटी सी बालकॉनी में सुखाते हुए कहा l
​"क्वार्टर क्या गाँव के घर जैसे हैं? "वह तिलमिला कर बोला.
​"महल जैसे नहीं मगर मकान मालिक की दुत्कार से तो बचा ही जा सकता है l"वह फिर गुस्से से बोली l
​"पांच साल हो गए शादी को.... अभी तक गोद सूनी है हमारी.... उधर सासु माँ को पोती पोता चाहिए... और उनका लड़का साथ रखना नहीं चाहता.... काहे विवाह किया तुमने हमसे? "वह गुस्से से साग को घोटते हुए बोली l
​"स्वर्णा... ऐसी बात नहीं है..... यूनिवर्सिटी में कोई क्वार्टर खाली है ही नहीं... l"
​"कभी होंगे भी नहीं l"वह गुस्से से आटे को गूंधते हुए बुदबुदाई l
​"आज का पेपर पड़ा? कैसे विद्यार्थी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं... देखो न कुछ तो कई कई सालों से रह रहे हैं... पढ़ाई पूरी हो गई फिर भी..... और और कइयों ने तो अपने रिश्तेदारों को भी रख लिया है... जिनके अच्छे सोर्स हैं l"
​"अच्छा..... वहाँ घर मिलने के लिए सोर्स का होना भी जरूरी है का?
​? और नहीं तो क्या......'जिसकी लाठी उसकी भैंस' l"वह बुदबुदाया l
​"नंबर लगा दो.... मिल ही जाएगा l"उसने खाना परोसते हुए लापरवाही से कहा l
​"कबसे नंबर लगा पड़ा है मगर अभी तक आया ही नहीं l"सुकुमार ने बुझी आवाज में कहा l
​"कोई भी प्रोफेसर नहीं रहता क्या वहाँ? "
​"रहते हैं न l"
​"तो शायद आपसे ही कोई जाति दुश्मनी है उन लोगों की? "स्वर्णा ने व्यंगात्मक लहजे मे कहा और पट पट पट करके हथेलियों से रोटी पीटने लगी l इधर सुकुमार परेशान था, कैसे समझाए वीवी को कि सरकारी क्वाटर्स का कितना बुरा दुरूपयोग हो रहा है और उनको पाना सज्जन व्यक्ति के लिए कितने मुश्किल है?

​✍️राशि सिंंह
​मुरादाबाद उत्तर प्रदेश


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